गोपेश्वर। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समीति की ओर से जिला प्रशासन से मांग की गई है कि आपदा प्रभावित क्षेत्र जोशीमठ में भारी निर्माण कार्य पर रोक होने के बावजूद भारी निर्माण कार्य जारी है। ऐसे निर्माणकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भारी निर्माण से हो रहे खतरे को रोका जा सके।
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती, प्रवक्ता कमल रतूड़ी ने कहा कि जोशीमठ में भूधंसाव के कारण आयी आपदा से पूरा जोशीमठ क्षेत्र प्रभावित है। यहां पर शासन की ओर से भारी निर्माण कार्यों पर रोक लगायी गई है। इसके बावजूद प्रभावशाली लोगों की ओर से भारी निर्माण कार्य लगातार जारी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मंगलवार को आईटीबीपी की ओर से किये जा रहे भारी भवन निर्माण से औली मोटर मार्ग का एक हिस्सा ढह गया है। एक-दो दिन में सड़क का बचा हुआ हिस्सा भी ढहने वाला है। जिससे उसके ऊपर की बस्ती को भी भविष्य में खतरा उत्पन्न होगा। औली मोटर मार्ग पूरी तरह बाधित होने से न सिर्फ आम जन, पर्यटकों को बल्कि औली में सेना और आईटीबीपी को भी परेशानी होगी ।
उन्होंने कहा कि जोशीमठ क्षेत्र में आपदा के चलते पांच जनवरी 2023 से सभी तरह के भारी भवन निर्माण पर रोक है। उसके बावजूद धड़ल्ले से इस तरह का निर्माण गैरकानूनी है खतरनाक है। आपदा ग्रस्त क्षेत्र में सरकार के धन का इस तरह बेजा इस्तेमाल भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति की ओर से इस संदर्भ में समय समय पर सरकार प्रशासन को चेताया है। आपदा प्रबंधन सचिव से मुलाकात में भी इस विषय को उठाया गया, जिस पर उनकी ओर से तत्काल जिलाधिकारी को इस कार्य को रोकने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि जोशीमठ में स्थायीकरण, स्थिरीकरण का कार्य न होने तक सभी भारी भवन निर्माण पर रोक जारी रहे। उसके बाद निर्माण की समीक्षा की जाए। साथ ही जोशीमठ के स्थिरीकरण के कार्य शीघ्र प्रारंभ किए जाएं। जोशीमठ के प्रभावितों के मुआवजे आदि के रुके कार्य और संघर्ष समिति के साथ मुख्यमंत्री की सहमति के बिन्दुओं पर भी अविलम्ब कार्रवाई हो।