ढाका। बांग्लादेश में सड़कों पर युवा प्रदर्शनकारियों की भीड़ पीएम शेख हसीना के खिलाफ उतर आई है। इस हिंसा की वजह से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। बांग्लादेश में हिंसा के बीच शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। बांग्लादेश में हो रही हिंसा को लेकर भारत भी अलर्ट मोड पर आ गया है। हालात इतने खराब हैं कि पूरे देश में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगाया गया है और इंटरनेट पर बैन लगाया गया है। सेना अब पूरे देश में तैनात हो गई है। बांग्लादेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाई अलर्ट जारी किया है। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, बीएसएफ डीजी भी कोलकाता पहुंच गए हैं।
‘प्रोथोम आलो’ ने बताया कि रविवार को हुई झड़पों में 14 पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 101 लोगों की मौत हो गयी। हिंसा के कारण प्राधिकारियों को मोबाइल इंटरनेट बंद करना पड़ा और पूरे देश में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लागू करना पड़ा। ‘एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट’ ने सोमवार को अपना ‘‘लॉन्ग मार्च टू ढाका’’ आयोजित करने की योजना बनायी है, जिसे पूर्व में एक दिन बाद आयोजित किया जाना था। आंदोलन के समन्वयक आसिफ महमूद ने रविवार रात को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि देश में बढ़ रही चिंताओं के बीच बुलायी गई एक आपात बैठक में यह फैसला लिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति की समीक्षा के लिए एक आपात फैसले में हमारा ‘मार्च टू ढाका’ कार्यक्रम छह अगस्त के बजाय पांच अगस्त को होगा। दूसरे शब्दों में, हम देशभर के छात्रों से सोमवार को ढाका आने का आह्वान कर रहे हैं। उन्होंने आम जनता से इसमें भाग लेने का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘अंतिम लड़ाई का वक्त आ गया है। इतिहास का हिस्सा बनने के लिए ढाका आइए। छात्र एक नया बांग्लादेश बनाएंगे।’’ कर्फ्यू के कारण अवामी लीग का सोमवार को होने वाला शोक जुलूस रद्द कर दिया गया है। राजधानी ढाका के विभिन्न इलाकों में सोमवार सुबह सड़कों पर वाहन बहुत कम दिखे। ‘प्रोथोम आलो’ ने बताया कि सरकार ने स्थिति तनावपूर्ण रहने पर इंटरनेट पर पूर्ण पाबंदी लगाने का आदेश दिया है। सरकार ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था कि विभिन्न स्थानों पर आतंकवादी हमले हो रहे हैं। आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। देश में सोमवार से तीन दिवसीय सामान्य अवकाश की घोषणा की गयी है।