मैं तृणमूल के खिलाफ चुप कैसे रह सकता हूं : अधीर चौधरी

कोलकाता। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने एक बार फिर पार्टी के प्रति अपनी नाराजगी जताई है। खास तौर पर इशारे-इशारे में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पुराने बयानों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि मैं बंगाल में तृणमूल के खिलाफ चुप कैसे रह सकता हूं? दिल्ली में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल से मिलने के कुछ दिनों बाद, पांच बार के पूर्व लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने सोशल मीडिया पर अपनी पार्टी के हाईकमान पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला किया है, जो कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के प्रति नरम रुख अपना रहा है।

चौधरी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं की आवाज कौन उठाएगा जो हर दिन पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा पीटे जा रहे हैं? राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस को प्रतिदिन तोड़ने की कोशिश कर रही है। आधिकारिक रूप से आई.एन.डी.आई.ए. ब्लॉक का हिस्सा होने के बावजूद, उन्होंने हमें दबाना बंद नहीं किया है।”

उन्होंने आगे कहा कि राज्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फंसाने और कांग्रेस कार्यालयों पर कब्जा करने की परंपरा जारी है।चौधरी ने लिखा, “ऐसी स्थिति में मैं तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ कैसे चुप रह सकता हूं? अगर मैं ऐसा करता हूं, तो मैं अपने जमीनी स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय करूंगा। मैं ऐसा नहीं कर सकता।”

इसके बाद उन्होंने पार्टी हाईकमान से आह्वान किया कि वे पश्चिम बंगाल के इन जमीनी स्तर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करें ताकि राज्य की वास्तविकता को जान सकें। उन्होंने कहा, “दिल्ली को उन पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करनी चाहिए जो पश्चिम बंगाल में रोज संघर्ष कर रहे हैं और पार्टी का झंडा ऊंचा रखने के लिए सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी राय महत्वपूर्ण है और इसलिए उन्हें भी दिल्ली बुलाना चाहिए।”

उन्होंने अपने पोस्ट का समापन राज्य में जमीनी स्तर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ होने का आश्वासन देकर किया। अधीर ने लिखा, “मैं अपने पार्टी सहयोगियों के साथ सड़कों पर रहूंगा और उनके आंदोलन को आगे बढ़ाऊंगा। मैंने अन्याय के साथ समझौता नहीं किया है और न ही कभी करूंगा।”

कांग्रेस हाईकमान के साथ चौधरी के मतभेद हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों से पहले ही सामने आने लगे थे, जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस साल मई में मीडिया को बयान दिया था कि सरकार गठन के लिए अपनाए जाने वाले कदमों का निर्णय करना चौधरी का काम नहीं है। इसके लिए पार्टी हाईकमान है।

खरगे ने यहां तक कहा कि या तो पार्टी के हाईकमान के फैसले का पालन करना होगा या बाहर निकलना होगा। खरगे के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, चौधरी ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य होने के नाते वह भी पार्टी के हाईकमान का हिस्सा हैं।

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