शीशपाल गुसाईं
कानाताल, टिहरी गढ़वाल का एक अद्भुत और शांतिपूर्ण स्थान है जिसे शब्दों में बयाँ करना वाकई कठिन है। इसकी प्राकृतिक सुंदरता और हरे-भरे जंगल मानो किसी स्वप्न की कल्पना हो। वहां के ऊँचे-ऊँचे बांज के पेड़ और उनके बीच बसाए गए छोटे-छोटे घर स्वर्ग की याद दिलाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस घने जंगल को स्थानीय लोगों ने ही संजीदगी से संभाला और संवारा है।
यहाँ की साफ़-सुथरी हवा, सुरम्य दृश्य, और हर तरफ हरियाली देख कर मन प्रसन्न हो उठता है। कुदरत का यह अद्भुत करिश्मा लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता है। कानाताल का वातावरण इतना शांत और पवित्र है कि यहां आने पर हर किसी को आत्मिक शांति और सुकून मिलता है। चोटियों से ढकी हिमालय की पर्वतमालाएँ, घने जंगल और खुशनुमा मौसम हर यात्री का दिल जीत लेता है। कानाताल का खुशनुमा दृश्य सच में स्वर्ग का एहसास करवा देता है। पंक्षियों की मधुर आवाज़ें, सुहानी हवा, और हरे-भरे पेड़-पौधों की महक किसी का भी मन मोह सकती हैं।
चम्बा से 12 किमी, मसूरी से 38 किलोमीटर , देहरादून से 78 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कनाताल शहर की भागदौड़ भरी ज़िंदगी से एक शांतिपूर्ण स्थान प्रदान करता है। इसकी हरी-भरी हरियाली, साफ़ आसमान और सुहावना मौसम उन लोगों के लिए एक आदर्श स्थान है जो प्रकृति से फिर से जुड़ना चाहते हैं। अगर आप शहरी जीवन की भागदौड़ से दूर कुछ पल सुकून के बिताना चाहते हैं, तो कानाताल से बेहतर विकल्प शायद ही कोई हो। शांत परिवेश, अलौकिक दृश्य और प्रकृति की गोद में बसा यह स्थान हर प्रकृति प्रेमी के लिए स्वर्ग जैसा है। जो भी यहाँ आता है, उसकी सांसे यहां की ताजगी और शांति में खो जाती हैं।
अपने मनमोहक दृश्यों और शांत वातावरण के साथ, कनाताल वास्तव में उत्तराखंड में एक छुपा हुआ रत्न है, जो प्रकृति प्रेमियों और साहसिक उत्साही लोगों के लिए एक ताज़गी भरा विश्राम स्थल प्रदान करता है।