केंद्र सरकार अपने करीबी उद्योगपतियों का कब्जा सरकारी संपत्तियों पर करा रही है

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से करते हुए आरोप लगाया कि यह पहले सत्ता में आई और उसके बाद सत्ता के माध्यम से अपने करीबी उद्योगपतियों का कब्जा सरकारी संपत्तियों पर करा रही है।

लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए जालंधर से सांसद और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी ने यह आरोप भी लगाया कि इस बजट में सरकार बचाने की फिक्र दिखाई देती है और यह देश बचाने वाला नहीं, बल्कि सरकार बचाने वाला बजट है।
उन्होंने कहा कि बजट से साबित हो गया कि यह सरकार देश के सभी नागरिकों को समान नजर से नहीं देखती, बल्कि राजनीतिक चश्मे से देखती है। चन्नी ने बजट में पंजाब और अपने संसदीय क्षेत्र जालंधर के उद्योगों को भी निराश करने का आरोप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार पर लगाया।
उन्होंने कहा कि बजट में 14 लाख करोड़ रुपये का कर्ज इस साल लेने की बात कही गई और यदि हर साल सरकार ऐसे ही कर्ज लेती रही तो ‘‘देश कहां जाएगा’’। कांग्रेस सांसद ने कहा कि भाजपा के लोग कांग्रेस पर आपातकाल का आरोप लगाते हैं लेकिन आज देश में ‘‘वित्तीय आपातकाल’’ और ‘‘अघोषित आपातकाल’’ है। उन्होंने दावा कि पिछले दस साल में डॉलर की कीमत 25 रुपये, पेट्रोल की कीमत 23 रुपये और डीजल की कीमत 35 रुपये बढ़ गई है।
चन्नी ने यह दावा भी किया कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार में डॉलर का मूल्य केवल 13 रुपये बढ़ा था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 में सरकार में आने से पहले मोदी रुपये की कीमत गिरने पर सरकार कमजोर होने, प्रधानमंत्री कमजोर होने की बात करते थे। चन्नी ने कहा, ‘‘आज बताएं कि रुपये की कीमत गिर रही है तो क्या सरकार कमजोर नहीं हो रही, प्रधानमंत्री कमजोर नहीं हो रहे।’’
उन्होंने देश में निजीकरण का मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘‘आप (सरकार) देश की संपत्ति के संरक्षक हैं, मालिक नहीं। इसे बेचने की और देश को बर्बाद करने की गलती मत करो।’’ चन्नी ने कहा कि देश के कई हवाई अड्डों को निजी कंपनियों के हवाले कर दिया गया है और सरकारी क्षेत्र की विमानन कंपनी को भी एक निजी कंपनी के हाथों बेच दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘और क्या क्या बेचोगे? केंद्र सरकार की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से करते हुए चन्नी ने आरोप लगाया, ‘‘इनमें (सत्तापक्ष) और अंग्रेजों में कोई फर्क नहीं है, सिर्फ रंग का फर्क है। पहले ये सत्ता में काबिज हुए और फिर सत्ता के रास्ते ये देश के उद्योगों पर अपने लोगों का कब्जा करा रहे हैं।’’ इस पर रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कुछ टिप्पणी की, जिसके बाद दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक देखने को मिली और सदन की कार्यवाही करीब 35 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

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