दार्जिलिंग। जम्मू कश्मीर के डोडा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए कैप्टन बृजेश थापा का पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में स्थित उनके पैतृक गांव में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शुक्रवार को कैप्टन थापा (27) के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और इस दौरान ‘बृजेश थापा अमर रहे’ के नारे चारों ओर गूंजते रहे।
शहीद कैप्टन के पिता कर्नल भुवनेश के. थापा (सेवानिवृत्त) ने बताया कि उनका बेटा बचपन से ही सेना में शामिल होना चाहता था। सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे अपने पुत्र पर गर्व है। उसने अपना कर्तव्य निभाया।’’ कैप्टन थापा का पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार को लेबोंग के ‘जिंग टी एस्टेट’ स्थित उनके पैतृक आवास पर पहुंचा। अंतिम संस्कार के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, वरिष्ठ सरकारी एवं सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।
भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘साहसी अधिकारी ने 15 जुलाई 2024 को डोडा में आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। सेना और आम नागरिकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की । भारतीय सेना ने शहीद को पूर्ण सैन्य सम्मान दिया जाना सुनिश्चित किया।’’ डोडा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में घायल होने के बाद कैप्टन समेत चार सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। कैप्टन थापा पांच साल पहले सेना में भर्ती हुए थे।