उत्तराखंड पर अगले 48 घंटे भारी, मौसम विभाग ने जारी किया भारी बारिश का अलर्ट

 आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव ने जिलाधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश

आपदा संबंधी कार्यों को तत्परता से करने को कहा

देहरादून। उत्तराखंड में मौसम विभाग ने आने वाले 48 घंटे के दौरान भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग की ओर से राज्य में 21 और 22 जुलाई को चंपावत, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर जनपद के लिए रेड अलर्ट तथा पौड़ी व अल्मोड़ा जनपद में भारी बारिश काे लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इस दाैरान कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने तथा बारिश के अति तीव्र से अत्यंत तीव्र दौर की संभावना है। इसे लेकर आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव ने संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों से वार्ता कर अलर्ट पर रहने को कहा है।

शनिवार को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने प्रदेशभर की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग ने चंपावत, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर में रविवार और सोमवार को बहुत भारी से अत्यंत भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। वहीं पौड़ी और अल्मोड़ा में भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। उन्होंने संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों से वार्ता कर जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने भारी बारिश के दौरान रिहायशी इलाकों में जलभराव की समस्या से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए ठोस रणनीति के तहत कार्य करने को कहा।

उन्होंने कहा कि जलभराव एक बड़ी समस्या है और बरसात के दौरान बड़ी संख्या में लोगों के इससे प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जाए, जहां से बारिश का पानी आबादी वाले क्षेत्रों में प्रवेश करता है और वहीं से पानी को किसी नाले या नदी की तरफ डायवर्ट कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से वनाग्नि के दौरान फायर लाइन बनाई जाती है, उसी तरह से जलभराव से निपटने तथा पानी को आबादी क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए वाटर लाइन बनाई जाए।

24 घंटे के भीतर नालों की सफाई करना सुनिश्चित करें

आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव ने कहा कि यदि नालों में ब्लॉकेज के कारण जलभराव हो रहा है तो 24 घंटे के भीतर नालों की सफाई करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में शासन ने प्रत्येक जनपद के लिए दस-दस करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत कर दी है। सोमवार तक यह धनराशि जनपदों को प्राप्त हो जाएगी। इसे तुरंत आपदा संबंधी कार्यों में खर्च किया जाए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि यदि और धनराशि की जरूरत होगी तो वह भी जारी की जाएगी, इसलिए आपदा संबंधी कार्यों को तत्परता से किया जाए।

अधिकारी हाई अलर्ट पर रहें

राज्य आपदा परिचालन केन्द्र की ओर से मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देखते हुए सावधानियां और कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है। कहा गया है कि प्रत्येक स्तर पर तत्परता एवं सुरक्षा बनाये रखते हुए आवागमन में नियंत्रण बरता जाये। त्वरित स्थलीय कार्रवाई करते हुए सूचनाओं का आपदा प्रबन्धन आईआरएस प्रणाली के नामित समस्त अधिकारी एवं विभागीय नोडल अधिकारी हाई अलर्ट में रहेंगे। एनएच पीडब्लूडी, पीएमजीएसवाई, एडीबी, बीआरओ, डब्ल्यूबी, सीपीडब्ल्यूडी आदि किसी भी मोटर मार्ग के बाधित होने की दशा में उसे तत्काल खुलवाना सुनिश्चित करेंगे। समस्त राजस्व उपनिरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी अपने क्षेत्रों में बने रहेंगे। समस्त थाने/चौकी भी आपदा सम्बन्धी उपकरणों एवं वायरलेस सहित हाई अलर्ट पर रहेंगे। उक्त अवधि में किसी भी अधिकारी और कर्मचारी के मोबाइल फोन स्विच ऑफ नहीं रहेंगे। अधिकारीगण बरसाती, छाता, टार्च, हेलमेट और कुछ आवश्यक उपकरण एवं सामग्री अपने वाहनों में अपने स्तर से रखेंगे। उक्त अवधि में लोगों के फंसे होने की स्थिति पर खाद्य सामग्री व मेडिकल की व्यवस्था की जाए। विद्यार्थियों की सुरक्षा के दृष्टिगत विद्यालयों में सावधानी बरती जाए। सामान्य मौसम, भारी बारिश की चेतावनियों के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन को अनुमति न दी जाए। नगर और कस्बाई क्षेत्रों में नालियों एवं कलवटों के अवरोधों को दूर किया जाये। सम्बन्धित जनपदों के जिला सूचना अधिकारी उक्त चेतावनी/सूचना को आम जनमानस तक दृश्य एवं प्रिन्ट मीडिया से प्रसारित करना सुनिश्चित करेंगे व आम जनमानस को सूचित किया जाए कि वह इस अवधि में अनावश्यक घर से बाहर न निकले। समस्त सम्बन्धित अधिकारी किसी भी प्रकार की आपदा की सूचना आपदा कंट्रोल को तुरंत देने का काम करेंगे।

बनबसा में तैनात होगी एसडीआरएफ की अतिरिक्त टीम

बनबसा में मानसून सीजन में किसी भी तरह की आपदा से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए एसडीआरएफ की अतिरिक्त टीम तैनात की जाएगी। सचिव विनोद कुमार सुमन ने शनिवार को इसके निर्देश दिए।

पौड़ी के आमसौड़ में भूस्खलन का होगा ट्रीटमेंट

नेशनल हाइवे 534 में पौड़ी जनपद के अंतर्गत आमसौड़ में हो रहे भूस्खलन के उपचार के लिए उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की टीम मौके पर जाकर भूगर्भीय सर्वेक्षण करेगी। शनिवार को जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी पौड़ी दीपेश चंद्र काला ने बैठक में बताया कि जिन परिवारों को भूस्खलन से खतरा है, उन्हें अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया है। खतरे को देखते हुए सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने जल्द भूगर्भीय अध्ययन कर उक्त भूस्खलन क्षेत्र में उपचार के कार्य शीघ्र करने के निर्देश दिए।

रिकार्ड समय में प्रभावितों को दी राहत राशि

सचिव ने कहा कि ऊधमसिंह नगर में भारी बारिश के चलते प्रभावित हुए लोगों को रिकार्ड समय में राहत राशि बांटी गई। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन तथा आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जनपद में दस हजार लोगों को एक सप्ताह के भीतर राहत राशि वितरित की गई। इससे प्रभावित लोगों को फौरी तौर पर काफी मदद मिली। उन्होंने सभी जनपदों को राहत राशि वितरण के लिए और अधिक टीमें गठित करने के निर्देश दिए।

बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन/डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी, बीआरओ के कर्नल पी शर्मा, एसईओसी के दिवस प्रभारी देवीदत्त डालाकोटी, मनीष भगत, रोहित कुमार, डॉ. पूजा राणा, हेमंत बिष्ट, जेसिका टेरोन, तंद्रीला सरकार आदि मौजूद थे।

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