गोला(रामगढ़)।गोला प्रखंड क्षेत्र में पिछले कई दिनों/महीनों से लगा सोलर पम्प के ख़राब हो जाने से पेयजल के लिए हाहाकार मचने लगा है। प्रखंड के लगभग चापाकल वर्षों से मरम्मती के अभाव में बेकार हो गए हैं। घरघर नल से जल की योजना कुछ जगहों को छोड़कर अभी भी सफेद हाथी साबित हो रही है। बताया जाता है कि क्षेत्र में चौबीस घंटों में पंद्रह से बीस मिनट पानी सप्लाई की जाती है। पानी की तीब्रता इतनी कम होती है कि बाल्टी भरते भरते सप्लाई बंद कर दी जाती है। खास गोला में इस बात की शिकायत है। पाईप से पेय जलापूर्ति शुरु होने से पूर्व भी पानी के लिए लोग परेशान थे और आज भी यहां के लोगों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि सुबह सुबह लोग नहाने के लिए हाथ में गमछा लेकर भटकते रहते हैं। गोला की जीवन रेखा पटासुर नदी फरवरी माह में ही दम तोड़ चुकी है। गोमती नदी का हाल तो और भी बुरा है। शहर की नालियों से निकलने वाला गंदा पानी जहाँ तहाँ जमा हो जाता है। कुछ लोग नहाने बर्तन माजने में इसका उपयोग करते देखे जा सकते हैं।
सरकार की ध्वस्त हो चुकी योजनाओं की ओर तत्काल संज्ञान लेने की जरूरत है। नहीं तो आने वाले कुछ महीनों में पानी की किल्लत काफी बढ़ जाएगी। प्रखंड क्षेत्र के पंचायतों के चापाकलों में पंचायत की 14 वीं वित्त योजनाओं से लगाए गए सोलर पंप की उपयोगिता बेकार हो चुकी है। बताया जा रहा है कि एक दो सोलर पंप उपयोग में आ रहा हैं। जबकि एक पंप की लागत तीन लाख 84 हजार की योजना खाउपकाऊ साबित हो रहा है। एक या दो माह के बाद से यह योजना बेकार हो गई है। इसके मरम्मति या इस योजना की गारंटी क्या है किसी को इसकी जानकारी नहीं है।पाठक टोला, स्टेशन रोड गोला, कन्या मध्य विद्यालय गोला के पास सोलर पानी पंप, सोनार मुहल्ले के महावीर मंदिर के पास का चापाकल में लगी इस योजना का हाल देखने के लिए विभाग के पास भी समय नहीं है।