शिमला। हिमाचल प्रदेश में ओरेंज अलर्ट के बीच मानसून जमकर बरस रहा है। कांगड़ा, बिलासपुर, ऊना और मंडी जिलों में देर रात तेज़ बारिश हुई है। बादलों के बरसने के प्रतिकूल प्रभाव दिखने लगे हैं और भूस्खलन की घटनाएं शुरू हो गई हैं।
मंडी जिला में तेज बारिश से कई जगहों पर भूस्खलन होने सड़कें बंद हो गईं। इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा कई स्थानों पर ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली गुल है। मौसम विभाग ने अगले 24 घण्टों में भी राज्य के मैदानी व मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में भारी वर्षा का अलर्ट जारी करते हुए लोगों खासतौर पर सैलानियों को सचेत रहने को कहा है। सैलानियों को भूस्खलन संभावित इलाकों और नदी-नालों के समीप न जाने की हिदायत दी गई है। राज्य में छह जुलाई तक भारी वर्षा की आशंका जताई गई है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार मंगलवार सुबह तक राज्य में 36 सड़कें बंद हैं। इनमें मंडी जिला में 35 और चम्बा में एक सड़क अवरुद्ध है। मंडी जिला के गोहर उपमण्डल में 13, करसोग में 11, सैंज में 10 और सुन्दरनगर में एक सड़क बाधित है। कांगड़ा जिला के इंदौरा उपमण्डल में भी एक सड़क पर आवागमन ठप है। भारी वर्षा के साथ आसमानी बिजली गिरने से राज्य में 169 ट्रांसफार्मर बंद पड़ गए हैं। ऊना जिला में सबसे ज्यादा 77, मंडी में 68 और चम्बा में 24 ट्रांसफार्मर बंद हैं।
यहां-यहां हुई बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक बीती रात कांगड़ा में सबसे ज्यादा 75 मिलीमीटर वर्षा हुई है। इसके अलावा बरठीं में 41, धर्मशाला में 30, सैंज में 29, ऊना में 20, मंडी में 16 और बिलासपुर में 10 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है।
हिल्स स्टेशनों में घटी सैलानियों की आवाजाही
राज्य में मानसून के बरसने से सैलानियों की आवाजाही में भारी गिरावट आ गई है। प्रमुख हिल्स स्टेशनों शिमला, चायल, डल्हौजी, मनाली और कसौल इत्यादि में होटलों की ऑक्यूपेंसी में कमी आई है। शिमला में होटलों की ऑक्यूपेंसी 85 फीसदी से घटकर 60 फीसदी रह गई है। शिमला होटलियर एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रिंस कुकुरेजा ने बताया कि बारिशों का दौर शुरू होने पर होटलों में एडवांस बुकिंग भी गिर गई है। कुछ बुकिंग केवल वीकेंड के लिए ही आई है। राज्य में पर्यटन सीजन आधिकारिक तौर पर 15 अप्रैल से 15 जुलाई तक रहता है।