रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम मंदिर के पीछे की पहाड़ियों में एक बार फिर से एवलांच आया है। हालांकि इस एवलांच से किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है। इस बर्फीली पहाड़ी पर समय-समय पर एवलांच आते रहते हैं। पर्यावरणविदों ने इस घटना को चिंता का विषय बताया।
रविवार सुबह 5 बजकर 46 मिनट के आसपास केदारनाथ मंदिर से पांच किमी पीछे सुमेरु पर्वत पर एवलांच आया। सुमेरु पर्वत की पहाड़ी से तेजी के साथ बर्फ का गुब्बार नीचे आया और पहाड़ी पर बर्फ का धुंआ उड़ने लगा। इसके बाद केदारनगरी में हलचल मच गई। काफी देर तक यह एवलांच आता रहा। हालांकि इस पहाड़ी पर एवलांच आना कोई नयी बात नहीं है। यहां समय-समय पर एवलांच आते रहते हैं।
आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि केदारनाथ मंदिर के पीछे सुमेरु पर्वत की पहाड़ी पर कई बार एवलांच की घटना देखने को मिल रही है। रविवार सुबह आए एवलांच से किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि इस पहाड़ी पर इस प्रकार के एवलांच आते रहते हैं। यहां बर्फ अधिक गिरने पर इस प्रकार की घटनाएं होती रहती हैं। इनसे किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है।
वहीं, पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली ने इस घटना को चिंता का विषय बताया। उन्होंने कहा कि हिमालय क्षेत्र में लगातार हो रही इस प्रकार की घटनाओं को लेकर सोचने की आवश्यकता है। हिमालय क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्य और हेली कंपनियों की अनियमित उड़ानों के कारण इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में समय रहते हिमालय क्षेत्र को बचाने की जरूरत है।