श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट
राष्ट्रपति को 50 साल पहला आपातकाल तो याद रहा लेकिन मणिपुर और किसानों पर हुई ज्यादती ,चरम पर व्याप्त मंहगाई तथा रोजगार को तरस रहे युवाओं की पीड़ा अपने अभिभाषण में याद नही आई।अपने अभिभाषण के रूप में केंद्र की मोदी सरकार का महिमा मंडन तो हुआ ही ,साथ ही राजशाही का प्रतीक राजदण्ड का संसद में हुआ प्रदर्शन भी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को चिढ़ाता रहा।इन सब मुद्दों पर विपक्ष ने आवाज भी उठाई लेकिन सत्ता पक्ष वह सब करता रहा जिसमे उसे राजनीतिक फायदा नज़र आ रहा था।
लोकसभा के पहले सत्र के दौरान जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण के दौरान आपातकाल का मुद्दा उठाया तो विपक्ष के सदस्य आक्रोशित हो गए। ऐसा उस समय भी हुआ था,जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कुर्सी संभालते ही अपने पहले भाषण में आपातकाल का मुद्दा उठाकर स्वयं विवाद को जन्म दे दिया।वही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जैसे ही आपातकाल का जिक्र किया, संसद में हंगामा मच गया। हर तरफ विपक्ष के हंगामे की आवाज गूंजने लगी। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आज 27 जून है, 25 जून 1975 को लागू हुआ आपातकाल,जो संविधान पर बड़े और सीधे हमले का काला अध्याय था।उस दौरान पूरे देश में हाहाकार मच गया था। लेकिन ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर देश ने जीत हासिल करके दिखाई है क्यों कि भारत के मूल्य में गणतंत्र की परंपराएं रही हैं। राष्ट्रपति के ऐसा बोलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेज थपथपाकर उनकी इस बात का समर्थन किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि दो साल तक देश में आपातकाल लागू रहा, इस दौरान लोगों के सभी अधिकार छीन लिए गए थे, उन्होंने कहा कि हम सभी संविधान की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। उनके इतना बोलते ही भड़के विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष का हंगामा तब भी हुआ था,जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आपातकाल का जिक्र अपने भाषण में किया था । विपक्ष इतना भड़क गया कि मल्लिकार्जुन खरगे समेत अन्य नेताओं ने यहां तक कह दिया कि पिछले 10 सालों का मोदी सरकार का शासन अघोषित आपातकाल ही है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आज लोकतंत्र पर हमले किए जा रहे हैं,इसे लांछित करने वाले आरोप लगाए जा रहे हैं।उन्होंने ईवीएम की निष्पक्षता का भी मुद्दा उठाया और कहा कि ईवीएम जनता की कसौटी पर खरा उतरने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि कुछ दशक पहले तो मतदान के दौरान बैलेट पेपर ही लूट लिए जाते थे,इस तरह से राष्ट्रपति के अभिभाषण के जरिए सरकार ने विपक्ष को संविधान के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की। विपक्ष ने सरकार पर संविधान को बदलने का गंभीर आरोप लगाया था ।राष्ट्रपति ने बताया कि कैसे केंद्र सरकार समाज के सभी लोगों के हितों को प्राथमिकता में रखकर काम कर रही है। अपने अभिभाषण की शुरुआत करने से पहले राष्ट्रपति ने सभी नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई दी।उन्होंने हाल ही में लोकसभा चुनाव संपन्न कराने को लेकर निर्वाचन आयोग की भी तारीफ की,जिसकी निष्पक्षता पर विपक्ष उंगली उठाता रहा है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को लेकर कहा कि इस बार घाटी में दशकों का रिकॉर्ड टूटा है।काफी संख्या में लोगों ने वहां मतदान किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18वीं लोकसभा में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में मोदी सरकार के अगले 5 वर्षो का विजन सामने रखा।राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार की उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड और वर्क प्लान ही कहा जा सकता है। राष्ट्रपति के जरिए संसद में रखे गए मोदी सरकार की कार्य योजना में महिलाओं, युवाओं, रक्षा, विदेश, खेती-किसानी के प्रति सरकार की सोच का संकेत मिलता है।उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा कि आज का भारत, दुनिया की चुनौतियां बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि दुनिया को समाधान देने के लिए जाना जाता है।विश्व-बंधु के तौर पर भारत ने अनेक वैश्विक समस्याओं के समाधान को लेकर पहल की है।जलवायु परिवर्तन से लेकर खाद्य सुरक्षा तक, पोषण से लेकर सस्टेनबल एग्रीकल्चर तक हम अनेक समाधान दे रहे हैं।हमारे मोटे अनाज श्री अन्न की पहुंच सुपरफूड के तौर पर दुनिया के कोने-कोने में हो, इसके लिए भी अभियान चल रहा है।भारत की पहल पर, पूरी दुनिया ने वर्ष 2023 में इंटरनेशनल मिलेट्स इयर मनाया है।आपने देखा है, हाल ही में पूरी दुनिया ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया है।भारत की इस महान परंपरा की प्रतिष्ठा विश्व में लगातार बढ़ रही है।योग और आयुष को बढ़ावा देकर भारत एक स्वस्थ विश्व के निर्माण में मदद कर रहा है।द्रौपदी मुर्मू ने स्पष्ट किया कि मेरी सरकार ने रिन्यूएबल एनर्जी की क्षमता भी कई गुना बढ़ाई है।हम जलवायु से जुड़े लक्ष्यों को निर्धारित समय से पहले प्राप्त करके दिखा रहे हैं।नेट जीरो के लिए आज भारत के प्रयास कई दूसरे देशों को प्रेरित कर रहे हैं।इंटरनेशनल सोलर अलायंस जैसी पहल पर आज रिकॉर्ड संख्या में दुनिया के देश हमारे साथ जुड़े हैं।उन्होंने भरोसा दिया कि भारत की विकास गति को तेज किया जाएगा। जिसके लिए आने वाले बजट में ऐतिहासिक कदम दिखेंगे। उन्होंने किसानों को ज्यादा से ज्यादा आत्मनिर्भर बनाने की बात भी कही।कुलमिलाकर राष्ट्रपति का अभिभाषण मोदी सरकार की कार्यशैली का प्रतिबिंब कहा जा सकता है।
(लेखक राजनीतिक चिंतक व वरिष्ठ पत्रकार है)