नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार को लेकर अपने सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श शुरू कर दिया है, जबकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ अपने विकल्पों पर विचार कर रहा है और राजनीतिक संदेश देने के इरादे से चुनावी मुकाबले की स्थिति पैदा कर सकता है।
राजग ने अपनी पसंद के बारे में कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है क्योंकि वह अपने विकल्पों पर विचार कर रहा है और विपक्ष को राजनीतिक हमला करने के किसी भी अवसर से वंचित करना चाहता है। सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक तेलुगु देशम पार्टी (देदेपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री के राममोहन नायडू ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू सहित गठबंधन के नेता इस मामले पर निर्णय लेंगे।
उनका कहना था कि उन्हें अभी किसी अंतिम निर्णय से अवगत नहीं कराया गया है। भाजपा के एक अन्य सहयोगी दल के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि भाजपा नेतृत्व ने उनसे विचार-विमर्श किया है। उन्होंने विवरण बताने से इनकार कर दिया।
राजग नेताओं के एक वर्ग का विचार है कि पिछली लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला को फिर से नामित किया जा सकता है। हालांकि ऐसी संभावना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कई विपक्षी नेताओं ने कहा कि वे इस बात पर निर्णय लेंगे कि उनका गठबंधन अध्यक्ष पद के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा करेगा या नहीं और राजग के रुख के आधार पर चुनाव लड़ा जाएगा या नहीं।
‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की घटक रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि अगर सरकार उम्मीदवार पर आम सहमति बनाने का कोई प्रयास नहीं करती है तो विपक्ष लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ेगा।
प्रेमचंद्रन ने कहा कि प्रथा यह है कि सरकार आम सहमति बनाने के लिए पार्टियों के साथ चर्चा करती है। लोकसभा में राजग के 293 सांसद हैं जबकि ‘इंडिया’ के 234 सांसद हैं। कुछ निर्दलीय सांसदों ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है, लेकिन सत्तारूढ़ गठबंधन के पास सदन में स्पष्ट बहुमत है।