नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मानसून के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ आने की स्थिति में उससे निपटने की तैयारियों की रविवार को समीक्षा की। हर साल मानूसन में बारिश के कारण विभिन्न नदियों का जलस्तर बढ़ने की वजह से बिहार, असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के बड़े हिस्से जलमग्न हो जाते हैं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘गृह मंत्री ने यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और देश में बाढ़ प्रबंधन के लिए तैयारियों की समीक्षा की।’’ उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और कुछ अन्य राज्यों को भी मानसून के दौरान भूस्खलन और बारिश से जुड़ी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ा है। पिछले कुछ वर्षों में तमिलनाडु, केरल और जम्मू कश्मीर में भी बाढ़ आयी है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, विभिन्न मंत्रालयों और गृह, जल संसाधन, नदी विकास, पृथ्वी विज्ञान, पर्यावरण, सड़क परिवहन विभागों के सचिव, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।
अधिकारियों के अनुसार, अभी असम में बाढ़ से 10 जिलों में 1.17 लाख लोग प्रभावित हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि बाढ़ से इन जिलों के 27 राजस्व मंडल के 968 गांव जलमग्न हो गए हैं।
उन्होंने बताया कि प्राधिकारियों ने अभी 134 राहत शिविर और 94 राहत वितरण केंद्र स्थापित किए हैं जहां कुल 17,661 लोगों ने शरण ली है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान के कारण जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 37 पर पहुंच गयी है जबकि एक व्यक्ति लापता है।