अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देवभूमि पर योग की बही गंगा

देहरादून। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देवभूमि पर योग की गंगा बही। योग गुरुओं ने योग के माध्यम से रोग भगाने के टिप्स दिए। आमजनों के साथ जनप्रतिनिधियों ने भी योगाभ्यास कर 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को खास बनाया।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शुक्रवार को शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राजधानी दून सहित प्रदेश भर के लोगों में उत्साह देखा गया। पहाड़ से लेकर मैदान तक देवभूमि योगमय हो गई। इस मौके पर मौसम ने भी पूरा साथ दिया। गढ़वाल और कुमाऊं के पर्वतीय जिलों के साथ ही मैदानी क्षेत्र में सुबह से पांच बजे से ही योग के लिए लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। साथ ही प्रदेश के समस्त जनपद मुख्यालयों में और 300 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में योग दिवस मनाया गया।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एफआरआई में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव योग कार्यक्रम में शामिल हुए। वहीं, बहुउद्देशीय भवन परेड ग्राउंड में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में निवर्तमान मेयर सुनील उनियाल गामा, स्थानीय विधायक खजाना दास सहित सैकड़ो लोगों ने योग कर स्वस्थ रहने का संदेश दिया। रायपुर स्थित महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज में आयोजित योग कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने शिरकत की। परेड ग्राउंड में भाजपा की ओर से आयोजित योग कार्यक्रम में राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल, भाजपा संगठन मंत्री अजेय कुमार ने शिरकत की।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम पार्वतीकुण्ड आदि कैलाश पिथौरागढ़ में हुआ। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने योगाभ्यास के बाद सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- आदि योगी भगवान शिव की पवित्र भूमि आदि कैलाश पर योग का सुखद अनुभव। उत्तराखंड योग और ध्यान की प्राचीन पद्धति इतिहास समेटे हुए है। प्रदेश सरकार राज्य को अंतरराष्ट्रीय योग हब बनाने की दिशा में प्रयासरत है। उत्तराखंड की भूमि ऋषियों की कर्मभूमि रही है। स्वतंत्रता के बाद उसी धार्मिक भूमि के संतों ने विदेशों में योग फैलाना शुरू किया। भारतीय संस्कृति में योग जीवन को सरल व स्वस्थ बनाने की कला है। इसे पूरे विश्व ने अपनाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में प्राचीनकाल से ही योग किया जा रहा है। योग भारतवंशियों की संस्कृति से जुड़ा हुआ है। शरीर को स्वस्थ रखने में योग काफी असरदार होता है। रोजाना योगाभ्यास से शरीर फिट रहता है। विश्व में योग को पहचान दिलाने में भारत का अहम योगदान है।

योग से विश्व के लाखों लोगों को मिला नया जीवन

योगाचार्य विपिन जोशी ने लोगों को योगाभ्यास कराते हुए कहा कि पूर्ण सुखी व निरोगी जीवन जीने के लिए नियमित योगाभ्यास व प्राणायाम जरूरी है। योग से ही व्यक्ति का शारीरिक व मानसिक विकास संभव है। योग से व्यक्ति के जीवन में प्रेम, एकत्व, कृतज्ञता कर्तव्यपरायणता, स्वधर्मनिष्ठा, मर्यादा, विनयशीलता का विकास होता है।

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