डॉ. रवि शरण दीक्षित
देहरादून। 4 जून 2024 लोकसभा चुनाव, नई संसद का नये प्रतिनिधियों के द्वारा निर्माण का प्रारंभिक दिन है, जिससे वह भविष्य की नीति निर्धारण में प्रभावशाली भूमिका निभा पायेंगे l विकसित भारत के निर्माण में, एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है l लोकसभा चुनाव में जिन राजनीतिक विषयों पर चुनाव केंद्रित रहा है, उनमें मुख्यतः सरकार द्वारा किए गए पिछले 10 वर्ष में काम है, जिसके आधार पर सरकार चुनाव में अपनी प्रस्तुति कर रही है, हालांकि विपक्ष उन विषयों के अतिरिक्त और अन्य विषयों पर भी रोजगार तथा महंगाई पर भी अपनी बात को रख रहा है l फिर भी यहां महत्वपूर्ण है कि जनता द्वारा किन विषयों के साथ अपने वोट को दिया गया हैl चुनाव आयोग तथा सरकार द्वारा मतदान के लिए व्यापक प्रचार प्रसार के बाद भी, यह भी दिख रहा है कि वोटरों का एक बड़ा हिस्सा लोकतांत्रिक अधिकार के प्रयोग करने से दूरी बनाए हुए हैं l 2024 के चुनाव राजनीतिक स्थिरता और नीतिगत निरंतरता के एक मानक के रूप में भी स्थापित हो ऐसी अपेक्षा प्रतीत हो रही है l सरकार द्वारा किए जा रहे कामों पर सतत आगे कर सरकार की मजबूती को भी प्रदर्शित करेगा l हालांकि अंतिम दौर तक आते-आते विपक्ष ने कई विषयों पर अपने आप को प्रभावशाली तरीके से रखा है, जनता को कितना प्रभावित कर पाते हैं या देखने की बात होगी l
जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा 543 लोकसभा सदस्यों में से राजनीतिक दलों द्वारा अभी भी महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर जो आबादी का आधा हिस्सा है, लगभग 28% ही भरोसा किया है l तुलनात्मक दृष्टि से देखा जाए पिछले वर्षों के चुनाव की तुलना में यह स्थिति बेहतर हैl विकसित भारत के लिए इस दिशा में भी काम करने के लिए बहुत आवश्यकता है l
राजनीतिक नेतृत्व प्रतिनिधि के चयन में राजनीतिक दल अभी भी लगभग 14% प्रतिनिधित्व को दे रहे हैं,जिन पर आपराधिक गंभीर मुकदमे दर्ज है l राजनीति में वोटर के रुझान के लिए भी यह आवश्यक प्रतीत होता है की प्रतिनिधि वह व्यक्ति जिसकी एक साफ सुथरी छवि तथा जन सामान्य के लिए कार्य करने की प्रवृत्ति स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो आर्थिक और व्यावहारिक दृष्टि से भी यह प्रमाणिक हो l
इन सब परिस्थितियों के बीच में 4 जून का 2024 का दिन राजनीतिक पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण दिवस के रूप में देखा जाएगा जो विश्व मे भारत के उभरते कद को, और बेहतर रूप से स्वीकार करने में सहयोगी हो l राजनीतिक पर्यावरण की स्वच्छता के लिए भी पूरा विश्व भारत के नेतृत्व को स्वीकार करें l