देहरादून। डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून के अंग्रेजी विभाग द्वारा एक संगोष्ठी-कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका शीर्षक था ‘शोध तकनीक में उभरती हुई प्रवृत्तियां’।
मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. हेमलता कृष्णमूर्ति विभाग अध्यक्ष गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय कन्या गुरुकुल केंपस देहरादून द्वारा शोध तकनीक के संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला गया। उनके द्वारा बताया गया कि शोध समस्या का चयन किस प्रकार किया जाना चाहिए तथा किस प्रकार प्रत्येक शोध समस्या हेतु अलग शोध तकनीक का प्रयोग किए जाने की आवश्यकता होती है। साथ ही साथ उनके द्वारा शोध के विभिन्न प्रकारों, स्वरूपों तथा पद्धतियों का वर्णन किया गया। शोध प्रबंध के विभिन्न रूपों को भी उनके द्वारा उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट किया गया। अंग्रेजी साहित्य में विशेष कर भारतीय अंग्रेजी साहित्य में विश्लेषणात्मक तथा वर्णनात्मक पद्धतियों का सांगोपांग चित्रण उनके स्तर पर प्रस्तुत किया गया। उनके द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि साहित्य संस्कृति को प्रवाहित करने में सहायक होता है इसलिए शोध में संस्कृति मूलक पद्धतियां अधिक प्रासंगिक हो गई है। इसके पश्चात मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर चेतन पोखरियाल विभाग अध्यक्ष अंग्रेजी दून विश्वविद्यालय देहरादून द्वारा शोध के प्रयोग पक्ष को को व्यक्त किया गया। उनके द्वारा विस्तार से बताया गया कि आज के समय में स्त्रीवाद, दलित चेतना, अनुवाद कला तथा भारतीय साहित्याओं का अध्ययन करने के लिए नई शोध तकनीक का प्रयोग शोधार्थियों द्वारा किया जा रहा है जिससे न केवल वर्तमान ज्ञान में अभिवृद्धि हो रही है बल्कि साहित्य का अध्ययन एवं उसकी समालोचना हेतु नए आलोचनात्मक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। उनके द्वारा नवीन शोध विषयों को भी छात्रों को परिचित कराया गया जिनका चयन उनके द्वारा अपने शोध प्रबंध के लिए किया जा सकता है। कार्यक्रम में श्री गुरु राम राय महाविद्यालय की अंग्रेजी प्राध्यापिका डॉ. ज्योति पांडे एवं डॉ. अनुपम सैनी, डीबीएस महाविद्यालय देहरादून के अंग्रेजी प्राध्यापक डॉ विद्युत बोस तथा भारतीय सैन्य संस्थान के अंग्रेजी प्राध्यापक डॉ. कप्तान सिंह की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। इन महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा भी डीएवी महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ कार्यक्रम से लाभान्वित हुए। कार्यक्रम की सफलता में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार, उप प्राचार्य प्रो. एस.पी. जोशी, अंग्रेजी विभाग अध्यक्षा प्रो. मीता शुक्ला, प्रो. गीतांजलि मिश्रा, प्रो. एचएस रंधावा, डॉ. पूनम शर्मा, डॉ. शैली गुप्ता का विशेष योगदान रहा। इस सफल कार्यक्रम का संचालन डॉ. मोनिशा सक्सेना ने किया।