सिलीगुड़ी: एक तरफ जहां रसोई से लेकर आसमान तक महिलाएं अपना परचम लहरा रही है वैसे भी उन्हें अगर सबसे ज्यादा प्यार और सबसे ज्यादा लगाओ और सबसे ज्यादा चिंता किसी की रहती है, तो वह अपने बच्चों की एक मां का सबसे अनूठा रिश्ता होता है। अपनी मां होने की पहचान से अपने बच्चों के लिए मां अपने जीवन की हर मुसीबत से लड़ जाती है। ऐसे भी साइन फ्यूचर एकेडमी के द्वारा उन मऊ का सम्मान किया गया जिन्होंने कठिन से कठिन समय में भी एक मां और अपनी जिम्मेदारी का पूरा-पूरा ध्यान रखना और अपने मां होने का कर्तव्य निभाया और अपनी ड्यूटी भी निभाई। सिलीगुड़ी के दिन बंधु मंच में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें इस आर्गेनाइजेशन की तरफ से काकोली पाल ने सभी का स्वागत किया, विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय कवि करण सिंह जैन, सिलीगुड़ी के जाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता रविंद्र जैन, और भी कोई विशिष्ट गड़बड़ी व्यक्ति उपस्थित थे। विशेष रूप से मां का सम्मान करते हुवे सिलीगुड़ी की महिला थाने की उच्च अधिकारी आत्रेई गांगुली को विशेष रूप से मां का गौरव सम्मान प्रदान किया गया। वही घर और बच्चों की जिम्मेदारी 18 साल तक निभाने के बाद दोबारा पढ़ाई शुरू कर वकील बनी और अपने प्रोफेसर में बेहतर प्रदर्शन कर रही बेला अग्रवाल को मां का सम्मान प्रदान किया गया। इसके साथ ही कई परिस्थित परिस्थितियों से जूझती हुई महिलाओं को भी एक मां होने का गौरव काकोली पाल ने उन्हें मान पत्र देकर सम्मानित किया। कली पल जो इस कार्यक्रम की ऑर्गेनाइजर थी, उन्होंने कहा कि हम महिलाएं लाख परिस्थितियों खराब हो या अच्छी हो उन सबके बावजूद अपनी मां होने का कर्तव्य पूरी तरह से निभाने की कोशिश करती है ऐसे में हमें कोई सम्मानित नहीं करता तो मैंने सोचा कि क्यों ना हम महिलाएं ही महिलाओं का सम्मान करें। और मैं इस विशेष अवसर पर यानी मदर्स डे के अवसर पर उन माताओं को सम्मानित किया। जिन्होंने विकट परिस्थितियों में भी अपने मां होने का कर्तव्य निभाया।