रांची। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 32 करोड़ रुपये से अधिक नकदी बरामद होने के मामले में झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और उनके घरेलू सहायक को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि रात भर की गई पूछताछ के बाद दोनों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया है।
उन्होंने बताया कि दोनों ने जांच में सहयोग नहीं किया और ईडी अधिकारियों द्वारा पूछे गए सवालों से बचते रहे। उन्होंने बताया कि राज्य के ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में ईडी ने सोमवार को शहर में एक फ्लैट पर छापा मारा था जो कथित रूप से लाल के घरेलू सहायक जहांगीर का है। केंद्रीय एजेंसी ने फ्लैट से 32 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद की और कुछ अन्य परिसरों में भी तलाशी के दौरान तीन करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए।
सूत्रों ने बताया कि कुल मिलाकर 35.23 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं। झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री एवं कांग्रेस नेता आलम ने इस मामले में संलिप्तता से इनकार किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को आंध्र प्रदेश और ओडिशा में अपनी चुनावी रैलियों के दौरान भी नकदी बरामद करने के मामले का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि झारखंड में ईडी द्वारा ‘बड़ी मात्रा में नकदी’ जब्त की गई है और हैरानी की बात यह है कि ऐसे लोग ‘गांधी परिवार के करीबी’ क्यों हैं।
मोदी ने आंध्र प्रदेश के वेमागिरी में कहा, ‘‘इन्होंने कार्यकर्ताओं के घर को भ्रष्टाचार का गोदाम बना दिया है। यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी (झारखंड में) एक सांसद के यहां से बड़ी जब्ती की गई थी और यह इतना ज्यादा थी कि मशीनें भी गिनती करते-करते थक गई थीं।’’ कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह उनके नेताओं को निशाना बनाने के लिए ईडी जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
एजेंसी ने फ्लैट से मई 2023 में ईडी की रांची इकाई द्वारा झारखंड के मुख्य सचिव को लिखा गया एक आधिकारिक पत्र भी जब्त किया, जिसमें राज्य ग्रामीण विकास विभाग के लिए काम करने वाले ठेकेदारों से ली गई कथित रिश्वत के ‘खुलासे’ की स्वतंत्र जांच और प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी। ये कथित खुलासे ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम द्वारा किए गए जिसे मामले में पिछले साल ईडी ने गिरफ्तार किया था।
सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुकूल स्थानांतरण और पदस्थापना के लिए विधायकों और अन्य बड़े लोगों द्वारा आलम को लिखे गए कुछ सिफारिशी पत्र भी उक्त परिसर से बरामद किए गए हैं। जिन तलाशी में इतनी बड़ी नकदी बरामद हुई वे वीरेंद्र कुमार राम के खिलाफ धन शोधन मामले से जुड़ी हैं। एजेंसी ने पिछले साल जारी एक बयान में आरोप लगाया था, ‘‘रांची में ग्रामीण कार्य विभाग में मुख्य अभियंता के रूप में तैनात वीरेंद्र कुमार राम ने ठेकेदारों को निविदा आवंटित करने के बदले में उनसे रिश्वत लेने के नाम पर अवैध कमाई की थी।’’
एजेंसी ने अधिकारी की 39 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। इसने कहा, ‘‘इस प्रकार अपराध से अर्जित आय का उपयोग वीरेंद्र कुमार राम और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा ‘आलीशान’ जीवन जीने के लिए किया जाता था।’’ वीरेंद्र के खिलाफ धनशोधन का मामला झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक शिकायत से जुड़ा है।