देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में भड़की आग शुक्रवार को और तेज हो गई है। वन विभाग के लिए जगलों की आग आफत बनती जा रही है। पिछले 24 घंटे में वनाग्नि की 64 नई घटनाएं सामने आई हैं। शुक्रवार को आग से जलकर तीन लोगों की मौत भी हुई है।
उत्तराखंड के जंगलों में भड़की आग ने शुक्रवार को विकराल रूप ले लिया है। यह आग वन संपदा के साथ ही वन्य जीवों के लिए भी खतरा बन गई है। कई जगह जंगल की आग आबादी और संस्थानों तक पहुंच चुकी है। वनाग्नि से अब तक करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। ऐसे में वन विभाग आग पर काबू पाने में विफल साबित हो रहा है। जंगलों की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को प्रदेशभर में 24 घंटे में 64 घटनाएं दर्ज हुई। इसमें 74.67 हेक्टेयर जंगल जल गए। अब तक उत्तराखंड में 868 घटनाएं आग की हो चुकी हैं। एक तरफ जंगल आग से धधक रहे हैं, दूसरी तरफ बड़े पैमाने पर वन संपदा को नुकसान पहुंच रहा है। जंगलों से उठता धुंआ चारों ओर फैल चुका है। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन उत्तराखंड के अपर मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा की ओर से शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार एक नंबर 2023 से दो मई 2024 तक कुल 868 आग की घटनाएं हुई हैं। गढ़वाल में 344 एवं कुमाऊं में 456 तो वन्यजीव में 68 घटनाएं हुई हैं। आगजनी में 1085.998 हेक्टेयर वन प्रभावित हुए हैं। अब तक कुल पांच लोग आग से झुलसकर घायल हो चुके हैं।