देहरादून। जिस अधिकारी के खिलाफ जांच की मांग की गई है, वही अधिकारी मामले की जांच कर रहा है। अधिकारी ने जांच की मांग करने वाले व्यक्ति को ही साक्ष्य के साथ कार्यालय बुला लिया है।
दरअसल सूचना अधिकार कार्यकर्ता विजय रावत ने उत्तराखंड के क्षेत्रीय लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता इंजीनियरिंग एनपी सिंह के कार्यों की जांच के लिए एक पत्र विभाग को दिया। इस जांच की एवज में इंजीनियरिंग एनपी सिंह की ओर से एक पत्र पत्रांक 2074 के माध्यम से विजय रावत को अपने विरूद्ध की गई शिकायत की जांच के लिए अपने कार्यालय में बुलाया है। यानि जिसके विरूद्ध जांच है उसी को जांच सौंप दी गई है।
एनपी सिंह ने शिकायतकर्ता को पत्र लिखकर कहा है कि प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग के विरूद्ध एक अप्रैल 2024 के माध्यम से शिकायती पत्र प्राप्त हुआ है। इसमें 14 मार्च को मुख्य अभियंता इंजीनियर एनपी सिंह की सड़क सुरक्षा कार्य की निविदिओं में अनियिमतता के संबंध में चार बिन्दुओं पर शिकायत की जांच का उल्लेख किया गया है। पत्र निर्गत होने की तिथि से एक सप्ताह के अंदर कार्य दिवस में इस कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष साक्ष्यों सहित प्रस्तुत करने का कष्ट करें अन्यथा गुण अवगुण के आधार पर प्रकरण में अग्रिम कार्रवाई कर दी जाएगी। पत्र में इंजीनियर एनपी सिंह के हस्ताक्षर हैं और उनके कार्यालय से 25 अप्रैल को यह पत्र विजय रावत के लिए जारी किया गया है। इसे लाल फीताशाही कहें या गोलमाल करने का तरीका कि जिसके विरूद्ध जांच की मांग की गई है उसी को जांच सौंप दी गई है। यह प्रकरण चर्चा का विषय बना हुआ है।