अग्निपथ योजना के जरिए, मोदी सरकार ने 1.5 लाख युवाओं के सपनों को चकनाचूर कर दिया, जिन्हें नियमित भर्ती के तहत कठिन मानसिक और शारीरिक परीक्षण के बाद सैन्य बलों में भर्ती होनी थी यह अभियान 1.5 लाख युवाओं की दुर्दशा पर प्रकाश डालता है, जिन्हें कठोर चयन प्रक्रिया से गुजरने के बाद 2019 और 2022 के बीच एक नियमित नर्ती अभियान में हमारी 3 गौरवशाली सैन्य बलों भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना में स्वीकार किया गया था, लेकिन उन्हें सारी प्रक्रियाओं के बाद भी भर्ती से वंचित कर दिया गया, क्योंकि मोदी सरकार ने अचानक सशस्त्र बलों पर अग्निपथ योजना थोप दी।
अग्निपथ में चयनित युवा किसी भी प्रकार की चिकित्सा और अन्य सुविधाओं का लाभ नहीं उठा सकते हैं जो नियमित सेना कर्मियों को उपलब्ध है, जैसे रू (0) 15 साल तक फुल पे मिलती तथा रिटायरमेंट उम्र आने पर यह पे, उसकी फैमिली पेंशन में तब्दील हो जाती. जो कि ताउम्र उसके परिवार को मिलती रहती, जब तक पत्नी व माता-पिता जीवित रहते है।
एक सैनिक की शहादत पर दिए जाने वाले 75 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस मिलता है।
55 लाख रुपए एक्स-ग्रेशिया अमाउंट जितनी राशि मिलती है।
मेडिकल फैसिलिटी मिलती है।
बैंक फैसिलिटी मिलती है।
सभी तरह के मिलिट्री बेनेफिट जो सरकार कभी भी अनाउंस करती, वह मिलता है।
चार साल बाद भी फिर से बेरोजगारी का सामना करना पडेगा।
अग्निपथ में चयनित युवाओं को स्थायी नौकरी की गारंटी नहीं दी जाती है, जिसके कारण उन्हें असुरक्षित महसूस करना पड़ता है।
पहले की नियुक्तियों को खारिज किया जानारू अग्निपथ के आने के बाद पूर्व की भर्ती प्रक्रिया से चयनित उम्मीदवारों को ज्वाइनिंग देने से मना किया गया है, जिनकी संख्या 1.5 लाख है।
अग्निवीर को रिटायरमेंटर के बाद नहीं मिलेगा – ग्रेच्युटी, चिकित्सा सुविधाएं, पेंशन, कैंटीन सुविधाएं, पूर्व सैनिक का दर्जा, पूर्व सैनिकों और उनके बच्चों के लिए आरक्षित रिक्तियां, बच्चों के लिए छात्रवृत्ति और कोई भी सैन्य लाभ जो सरकार कभी भी नियमित सैनिकों के लिए घोषित करेगी, उपलब्ध नहीं होंगे।
वर्ष 2004 में भाजपा सरकार द्वारा केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के साथ साथ सभी पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों और अधिकारियों को जनवरी 2004 से रिटार्यमेंन्ट के बाद देय पेशंन बंद कर दी गयी है जिससे अर्धसैनिक बलों के लाखों परिवारों आर्थिक हानि पहुॅचाने का काम किया गया है।
बेरोजगारी 45 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. बेरोजगारों की संख्या 1 करोड़ (2012) से चौगुनी होकर 4 करोड़ (2022) हो गई है।
अग्निपथ योजना लागू होने पर 1.5 लाख युवाओं से क्रूरतापूर्वक छीनी गई नौकरियां वापस करें।सैन्य बलों के लिए पिछली मर्ती प्रणाली को बहाल करें।
हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है, और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे प्रतिभाशाली देशभक्त युवाओं हमारी सेनाओं में स्थायी नौकरी मिले। पत्रकार वार्ता के दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दशौनी, कर्नल राम रतन नेगी, कर्नल मोहन सिंह रावत,पूर्व आईटीबीपी अधिकारी गोपाल सिंह गाडियां मौजूद रहे।