देहरादून। आखिरकार सरकार ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha election )से पहले उपनल कर्मचारियों को होली का तोहफा दे ही दिया। वित्त विभाग की मंजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड शासन ने मानदेय में 10 फीसदी वृद्धि के आदेश जारी कर दिए हैं। मानदेय वृद्धि से प्रदेश के 25 हजार से अधिक कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
धामी सरकार ने उपनल कर्मचारियों की मानदेय में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की मांग पूरी कर दी है। वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदेशभर में उपनल कर्मी 12 फरवरी से हड़ताल पर थे। उपनल कर्मियों ने कार्य बहिष्कार करते हुए सरकार से 20 फीसदी वेतन वृद्धि समेत नियमितीकरण का हाई कोर्ट के आदेश को लागू करने, सर्वोच्च न्यायालय में सरकार का विशेष याचिका वापस लिए जाने, जिन पदों पर नियमित नियुक्ति की जा रही है, उन पदों पर तैनात कार्मिकों को न हटाए जाने व उपनल कर्मचारी की मौत पर मृतक आश्रितों को नौकरी देने की मांग की थी।
बोर्ड परीक्षा व चुनाव बहिष्कार की दी थी चेतावनी-
कर्मचारियों ने सरकार को मांगें पूरी न करने पर बोर्ड परीक्षा और लोकसभा चुनाव बहिष्कार की भी चेतावनी दी थी। उधर कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के कारण आपदा प्रबंधन विभाग से लेकर कई विभागों में कामकाज प्रभावित चल रहा था।
काम पर लौटे उपलन कर्मी-
हालांकि, सरकार से 10 प्रतिशत मानदेय बढ़ाने और अन्य मांगों के लिए समिति गठित करने के आश्वासन के बाद कर्मियों ने कार्य बहिष्कार वापस ले लिया और काम पर लौट गए। ऐसे में सरकार ने उत्तराखंड के 25 हजार उपनल कर्मचारियों को सौगात देते हुए 10 प्रतिशत मानदेय बढ़ाने की मांग को मंजूरी दे दी है।
1200 से 3600 रुपये तक मिलेगा लाभ-
मानदेय वृद्धि से वेतन में 1200 से 3600 रुपये तक का लाभ मिलेगा। इसके पूर्व अक्टूबर 2021 में कर्मचारियों के मानदेय की दरों में बदलाव किया गया था। राज्य सरकार की ओर से 2004 से अब तक उपनल कर्मचारियों के मानदेय में सात बार वृद्धि और दो बार प्रोत्साहन भत्ते में संशोधन किया गया है।