उत्तराखंड: विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश

देहरादून।  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश कर दिया है। इसके साथ ही आज का दिन उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि देश के लिए यादगार बन गया है।

देहरादून में सीएम धामी द्वारा राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश करने के बाद राज्य विधानसभा के अंदर विधायकों द्वारा “वंदे मातरम और जय श्री राम” के नारे लगाए। विपक्ष के हंगामें के बीच सदन की कार्यवाही आज दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

उत्तराखंड विधानसभा में पेश किए गए यूसीसी बिल पर उत्तराखंड बीजेपी विधायक शिव अरोड़ा का कहना है, ”यह हमारे लिए ऐतिहासिक क्षण है। यूसीसी से बड़ी खुशी क्या हो सकती है? यह लोगों को समान अधिकार देता है। सीएम धामी ने आज इसे पेश कर दिया है।

UCC के तहत सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी, पुरुष-महिला को तलाक देने के समान अधिकार मिलेगा, लिव इन रिलेशनशिप डिक्लेयर करना जरूरी है। लिव इन रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर 6 माह की सजा होगी। लिव-इन में पैदा बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार है। महिला के दोबारा विवाह में कोई शर्त नहीं है। अनुसूचित जनजाति दायरे से बाहर हैं।

बहु विवाह पर रोक, पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं हो सकती है। शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी बिना रजिस्ट्रेशन सुविधा नहीं है। उत्तराधिकार में लड़कियों को बराबर का हक मिलेगा

हर धर्म में शादी, तलाक के लिए एक ही कानून होंगे। जो कानून हिंदुओं के लिए, वही दूसरों के लिए भी हैं। बिना तलाक एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे। मुसलमानों को 4 शादी करने की छूट नहीं रहेगी।

धार्मिक मान्यताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा,धार्मिक रीति-रिवाज पर असर नहीं है, ऐसा नहीं है कि शादी पंडित या मौलवी नहीं कराएंगे। खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा पर प्रभाव नहीं है।

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