देहरादून। देहरादून स्थित जलागम प्रबन्धन निदेशालय के सभागार कक्ष में शुक्रवार को देहरादूनी बासमती धान के संरक्षण और संवर्धन के अन्तर्गत एक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में देहरादूनी बासमती धान के कृषिकरण को बढ़ावा देने और इस प्रजाति को भविष्य में संरक्षित करने के लिए चर्चा की गई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वन, भाषा, निर्वाचन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि देहारादूनी बासमती की खेती के लिए सिंचाई एवं विपणन की उचित व्यवस्था पर जोर दिया जाए। पर्वतीय क्षेत्रों में बासमती चावल की खेती बढ़ावा दिया जाए। इस दौरान देहरादूनी बासमती से संबन्धित विषय पर प्रस्तुतिकरण दिया गया।
उत्तरा रिसोर्स डेवलेपमेंट संस्था की ओर से उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड के सहयोग से देहरादूनी बासमती चावल टाइप-3 के संरक्षण पर शोध कार्य किया गया। शोध कार्य की रिपोर्ट में पाया गया कि वर्ष 2018 में जहां 680 किसानों द्वारा 410.18 हेक्टेयर भूमि में देहरादूनी बासमती चावल की खेती करते थे वहीं वर्ष 2022 में देहरादूनी बासमती चावल की खेती घट कर 157.83 हेक्टेयर रह गयी है।