देहरादून। 75 वर्षों के बाद भी चमोली का सुदूरवर्ती गांव डुमक सड़क की वाट जोह रहा है। डुमक गांव के ग्रामीण न केवल धरना-प्रदर्शन व पुतला दहन कर रहे हैं बल्कि पदयात्रा निकालकर शासन-प्रशासन का ध्यान सड़क विहीन गावों की ओर खींच रहे हैं। दरअसल डुमक गांव को सड़क से जोड़ने का मामला को लेकर है। वर्ष 2007-08 में पीएमजीएसवाई के तहत 88 सड़कें स्वीकृत हुई थीं, जिनमें 87 सड़कों का काम पूरा हो गया है, सिर्फ डुमक की सड़क विभागीय लापरवाही के कारण अधर में लटकी हुई है। डुमक के ग्रामीण सड़क से जुड़ने के लिए न जाने कितने संघर्ष कर चुके हैं। आंदोलन, चुनावों का बहिष्कार व न्यायालय तक के शरण में जाने को विवश हुए। किसी तरह सड़क स्वीकृत भी हुई लेकिन कार्यदायी संस्था ने डुमक की सड़क को उलझा कर रख दिया है। सैंजी-बेमरु-डुमक होते हुए कलगोठ की जिस सड़क का एलाइमेंट वर्ष 2019 में हुआ था, कार्यदायी विभाग पीएमजीएसवाई ने स्वीकृत एलाइमेंट को ही बदल दिया। इसे लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और शासन प्रशासन को 15 दिनों की चेतावनी के बाद आंदोलन शुरू कर दिया है। आंदोलन के तहत जहां डुमक गांव में धरना-प्रदर्शन चल रहा है वहीं नव वर्ष के पहले दिन से पदयात्रा भी शुरू हुई है, जो उर्गम घाटी व सन वैली के दर्जनों गांवों से होते हुए 18 जनवरी को जिला मुख्यालय पहुंचेगी। सड़क के लिए ग्रामीणों के साथ निरंतर संघर्षरत एवं उच्च न्यायालय की चौखट तक पहुंचे पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रेम सिंह सनवाल के अनुसार शासन-प्रशासन व पीएमजीएसवाई ने डुमक सड़क को लटकाने, भटकाने व अटकाने का षडयंत्र किया है, उन्होंने कहा कि अब आर पार की लड़ाई शुरू हो गई है, यदि 2019 के स्वीकृत एलाइमेंट समरेखण के अनुसार सड़क का निर्माण नहीं हुआ तो आंदोलन न केवल जारी रहेगा बल्कि उग्र रूप भी लेगा। सनवाल ने यह भी जानकारी दी कि नियमित पुतला दहन कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को डीएम चमोली का पुतला दहन कार्यक्रम था, लेकिन एसडीएम जोशीमठ द्वारा तीन दिनों में वार्ता के टीम भेजने के आश्वासन के बाद पुतला दहन कार्यक्रम स्थगित किया गया है। सड़क के लिए पदयात्रा पर निकले ग्रामीणों का जगह जगह स्वागत हो रहा है और समर्थन में मशाल जुलूस, धरना प्रदर्शन व बुद्धि शुद्धि यज्ञ कर रहे हैं। ग्राम विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष रघुबीर सिंह सनवाल, उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह भंडारी व सचिव दिलबर सिंह ने आंदोलन में समर्थन के लिए सभी का आभार व्यक्त करते हुए सड़क निर्माण की मांग पूरी होने तक सहयोग की अपेक्षा की है।