जानकारों के मुताबिक संगठन की बैठक में ये मांग निकलकर सामने आई थी कि लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने में अधिक समय न लगाया जाए बल्कि चुनाव से एक महीने पर पहले ही उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया जाए ताकि उसे प्रचार के लिए पूरा समय मिल पाए। इस बैठक में प्रदेश के नव नियुक्त प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, प्रदेश पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष और जिला प्रभारी मोजूद थे। इससे पहले विधानसभा चुनाव हारने के बाद हुई समीक्षा बैठक में भी यह बात पार्टी फोरम पर रखी गई थी।
ज्ञात हो कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस से पहले अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया था। इतना ही नहीं पार्टी ने कई हारी हुई सीटों पर तो आचार संहिता के पहले ही उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी थी। जबकि भाजपा के मुकाबले कांग्रेस प्रत्याशी चयन में खासी पिछड़ गई थी। जिससे प्रत्याशियों को प्रचार के लिए भरपूर समय नहीं मिल पाया था। ऐसे में पार्टी भाजपा से सबक लेते हुए लोकसभा चुनाव में ये गलती दोहराना नहीं चाहती है। इसलिए पार्टी ने अभी से ही उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
प्रत्याशी चयन जल्द हो इस मांग के साथ ही दिग्गजों को मैदान में उतारने की डिमांड भी कांग्रेस में हो रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया खुद इस बात की पैरवी कर चुके हैं कि बड़े नेताओं को लोकसभा लड़ाया जाए। ऐसे में कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव 2023 में हार का मुंह देख चुके कई वरिष्ठ नेताओं को भी एक बार फिर लोकसभा चुनाव में उतारा जा सकता है।
जानकारों के मुताबिक मध्यप्रदेश में एक मात्र छिंदवाडा सीट कांग्रेस के पास है जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सुपुत्र नकुल नाथ सांसद है ! परन्तु कांग्रेस के आंतरिक सर्वे के मुताबिक इस सीट पर भी हार के काले बादल मंडराते नजर आ रहे है ऐसे में कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ की जगह कमलनाथ को पुनः इस सीट पर लोकसभा चुनाव लडाने पर विचार हो रहा है !