चंडीगढ़। पंजाब के जांच ब्यूरो के निदेशक एल के यादव ने फ्रांस से विमान को वापस भारत भेजने से जुड़े मानव तस्करी के संदिग्ध मामले की जांच के लिए शनिवार को विशेष जांच दल (SIT ) का गठन किया। निकारागुआ जाने वाले विमान को फ्रांस में रोक दिया गया था और फिर भारत भेज दिया गया।
इनमें ज्यादातर यात्री भारतीय थे। विमान एयरबस ए340 को मानव तस्करी के संदेह में चार दिनों के लिए फ्रांस में रोका गया था। इसमें 276 यात्री सवार थे। यह विमान 26 दिसंबर की सुबह मुंबई में उतरा। यात्रियों में कुछ पंजाब के थे। एक आधिकारिक बयान के अनुसार चार सदस्यीय एसआईटी का नेतृत्व फिरोजपुर के पुलिस अधीक्षक (जांच) रणधीर कुमार करेंगे।
अन्य तीन सदस्य सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी), सिविल लाइंस लुधियाना, जसरूप कौर बाथ, फिरोजपुर के पुलिस उपाधीक्षक (जांच) बलकार सिंह संधू और पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) (मुख्यालय) पटियाला दलबीर सिंह सिद्धू हैं। बयान में कहा गया, ‘‘एसआईटी को जल्द से जल्द सक्षम अदालत में अंतिम रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।
एसआईटी मामले की जांच में सहायता के लिए किसी अन्य अधिकारी, कर्मचारी को भी शामिल कर सकती है।’’ रोमानिया की कंपनी द्वारा संचालित विमान निकारागुआ के लिए रवाना हुआ था। तकनीकी ठहराव के लिए 21 दिसंबर को पेरिस के पास वैट्री में उतरने पर फ्रांस पुलिस ने इसे रोक लिया था।
फ्रांस के अधिकारियों ने यात्रा की शर्तों और उद्देश्य की न्यायिक जांच शुरू की, जिसमें संगठित अपराध में विशेषज्ञता वाली एक इकाई संदिग्ध मानव तस्करी की जांच कर रही थी। एक अधिकारी ने कहा कि मुंबई में आव्रजन अधिकारियों ने 276 यात्रियों में से कुछ से पूछताछ की, किसी भी यात्री को हिरासत में नहीं लिया गया और उन्हें हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति दी गई।