नई दिल्ली। देश में परिवारों की औसत मासिक आय (income) के मामले में कर्नाटक ( Karnataka) सबसे आगे है। वर्ष 2023 में कर्नाटक में प्रति परिवार औसत मासिक आय 35,411 रुपये रही और इस मामले में उसने महाराष्ट्र को पीछे छोड़ दिया है। ‘मनी9 वार्षिक पर्सनल फाइनेंस पल्स सर्वेक्षण- 2023 के नतीजों में यह जानकारी दी गई है। सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आई है कि देश के नागरिकों के लिए इलाज का खर्च उठाना भारी पड़ रहा है।
अचानक किसी गंभीर बीमारी की वजह से इस साल 22 प्रतिशत से अधिक भारतीयों को अपनी जीवन भर की बचत गंवानी पड़ी है। वहीं 56 प्रतिशत भारतीय परिवार ऐसे हैं जो आज भी नौकरी छूटने के डर के बीच जी रहे हैं। सर्वेक्षण में भारतीय परिवारों की आमदनी, खर्च, जीवन स्तर, बचत, निवेश और भविष्य की आकांक्षाओं की पड़ताल की गई है।
राज्यों की मासिक आय के बारे में इसमें कहा गया है, ‘‘देश में परिवारों की औसत मासिक आय के मामले में कर्नाटक ने महाराष्ट्र को पीछे छोड़ दिया है। वर्ष 2023 में कर्नाटक में प्रति परिवार औसत मासिक आय 35,411 रुपये रही।’’ पिछले साल के सर्वेक्षण में औसत मासिक आय के मामले में महाराष्ट्र शीर्ष पर था।
टीवी9 नेटवर्क के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वरुण दास ने कहा, ‘‘मनी9 वार्षिक पर्सनल फाइनेंस पल्स सर्वेक्षण वित्तीय चुनौतियों के बीच भारत की जुझारू क्षमता को दर्शाता है। इसके नतीजे हमारे लोगों के संघर्षों और सपनों, दोनों पर रोशनी डालते हैं।’’ मनी9 के संपादक अंशुमान तिवारी ने कहा, ‘‘यह सर्वेक्षण चुनौतियों और आकांक्षाओं की कहानियों को सामने लाता है।
इनके जरिये हम आम लोगों की जानकारी बढ़ाकर उन्हें वित्तीय बेहतरी की दिशा में सशक्त बनाते हैं।’’ सर्वेक्षण में देश के 20 राज्यों के 1,170 स्थानों और 115 जिलों में फैले 35,000 से अधिक घरों को शामिल किया गया। यह सर्वेक्षण रिसर्च ट्राइएंगल इंस्टिट्यूट (आरटीआई) इंटरनेशनल के सहयोग से किया गया। सर्वेक्षण से पता चला कि कोविड महामारी के बाद प्रवासी मजदूरों ने शहरों की ओर वापसी की, जिससे 2023 में शहरी परिवारों की औसत मासिक आय 12 प्रतिशत बढ़कर 25,910 रुपये हो गई।
इसमें कहा गया है कि 77 प्रतिशत भारतीय अब भी 35,000 रुपये मासिक से कम कमाते हैं। सिर्फ 30 प्रतिशत परिवारों ने कहा कि पिछले पांच साल में उसकी वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है। निवेश के नए विकल्पों के बावजूद सोने और पारंपरिक बैंक जमा के प्रति भारतीयों का आकर्षण बना हुआ है। लगभग 77 प्रतिशत भारतीय अपनी कमाई बैंक जमा के रूप में रखना पसंद करते हैं।