TMC संसद ने की जगदीप धनखड़ की नकल, भड़के उपराष्ट्रपति

नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों से निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों ने मंगलवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने नारेबाजी की और गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर भी बैठे। इसी बीच TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने संसद परिसर में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल की, जिस पर उपराष्ट्रपति भड़क गए हैं।

उपराष्ट्रपति ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि यह हास्यास्पद और अस्वीकार्य है कि एक सांसद मजाक उड़ा रहा है और दूसरा सांसद उस घटना का वीडियो बना रहा है। उन्होंने कहा, “गिरावट की कोई हद नहीं है। मैंने एक वीडियो देखा टीवी पर एक बड़े नेता वीडियो बना रहे थे आपके, जब एक दूसरे सांसद नकल निकाल रहे थे। सदबुद्धि आए उनको। कुछ जगह तो बख्शो।जब टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी मिमिक्री कर रहे थे, उस समय राहुल गांधी, प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, मनोज झा, डी राजा, कार्ति चिदंबरम जैसे कई सीनियर नेता वहां मौजूद थे। कल्याण बनर्जी मिमिक्री करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

बता दें कि संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष निलंबित सांसदों के विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार भी शामिल हुए। कई विपक्षी सांसदों के हाथों में तख्तियां थीं जिन ‘डेमोक्रेसी अंडर सीज’ (लोकतंत्र को बंधक बनाया गया) और कुछ अन्य नारे लिखे हुए थे। उन्होंने ‘गृह मंत्री इस्तीफा दो’ के नारे भी लगाए गए।

खरगे ने कहा, ‘‘हम सिर्फ यही चाहते हैं कि सुरक्षा चूक के विषय पर गृह मंत्री सदन में आकर बयान दें। वह क्यों भाग रहे हैं, मुझे मालूम नहीं है। संसद का सत्र जारी है, लेकिन वह सदन के बाहर बयान दे रहे हैं। ऐसा कभी नहीं होता है। जो बातें सदन में बोलनी हैं, वह बाहर बोली जाती हैं तो इससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंचती हैं।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि सांसदों का निलंबन लोकतांत्रिक प्रणाली को खत्म करने का षड्यंत्र है तथा पहले गुजरात में भी इसी तरह से विधानसभा चलाई जाती थी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ‘‘यहां तानाशाही चल रही है, उसके खिलाफ लड़ेंगे।’’

संसद में सोमवार को 78 विपक्षी सांसदों को आसन की अवमानना तथा अशोभनीय आचरण के आरोप में निलंबित कर दिया गया, जो संसदीय इतिहास में एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। गत 13 दिसंबर को लोकसभा से 33 सदस्यों और राज्यसभा से 45 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया। पिछले बृहस्पतिवार से दोनों सदनों से निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों की कुल संख्या 92 हो गई है।

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