नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को दो वर्षों के लिए ड्रोन उपलब्ध कराने की एक केंद्रीय ( Centre approves) योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के लिए 1,261 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ( Anurag Thakur) ने बुधवार को पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में मंगलवार शाम को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया।
ठाकुर ने कहा, ‘‘इस योजना का मकसद वर्ष 2024-25 से 2025-2026 के दौरान किसानों को कृषि उद्देश्य के लिए 15,000 चयनित महिला एसएचजी को ड्रोन मुहैया कराना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत गठित कुल 89 लाख एसएचजी में से लाभार्थी महिला एसएचजी का चयन किया जाएगा।’’
विज्ञप्ति के मुताबिक, सरकार ने कहा कि विभिन्न राज्यों में ऐसे स्थानों की पहचान की जाएगी जहां ड्रोन का उपयोग आर्थिक रूप से संभव है और ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए प्रगतिशील 15,000 महिला एसएचजी का चयन किया जाएगा। ड्रोन की खरीद के लिए महिला एसएचजी को ड्रोन की लागत का 80 प्रतिशत और सहायक उपकरण/सहायक शुल्क के लिए 8,00,000 रुपये तक की केंद्रीय वित्त सहायता प्रदान की जाएगी।
एसएचजी के क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) राष्ट्रीय कृषि इन्फ्रा फाइनेंसिंग सुविधा (एआईएफ) के तहत ऋण के रूप में शेष राशि (खरीद की कुल लागत घटाकर सब्सिडी) बढ़ा सकते हैं। ठाकुर ने कहा, ‘‘उर्वरक कंपनियों द्वारा करीब 500 ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे। शेष 14,500 ड्रोन अगले दो वर्षों में केंद्रीय सहायता के जरिए उपलब्ध कराए जाएंगे।