ओबीसी को साध रही भाजपा

लोकसभा और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बनाई रणनीति
पार्टी की कमान नायब सिंह को देने के बाद राजनीतिक सरगरमी बढ़ी

-सुमित्रा, चंडीगढ़।
भाजपा (BJP) ने आने वाले लोकसभा (Lok sabha) और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अब हरियाणा में पिछड़ा वर्ग OBC के लोगों को साधने की कोशिश की है। यही वजह है कि राज्य में पार्टी की कमान जाट समुदाय के नेता ओमप्रकाश धनखड़ की जगह कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी को दे दी गई है। भाजपा ( BJP) को लगता है कि धनखड़ को पार्टी की कमान देने के बाद भी जाट समुदाय ने भाजपा के साथ जुड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। ऐसे में पार्टी आलाकमान को लगा की क्यों न पिछड़े वर्ग को लुभाने के लिए पार्टी की जिम्मेदारी किसी ऐसे नाता को सौंपी जाए, जो पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखता हो और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (  Manohar Lal Khattar) के साथ भी मिल कर चल सके। ऐसे में पूर्व मंत्री नायब सिंह सैनी को पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष का ओहदा सौंप दिया।
धनखड़ का तीन साल का कार्यकाल पहले ही पूरा हो चुका था। हरियाणा में विधानसभा चुनावों में अभी एक साल का समय बाकी है। ऐसे में धनखड़ को चुनावों तक बनाए रखना शायद संभव नहीं था। अध्यक्ष पद से हटाए जाने से पहले धनखड़ ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में एक सवाल के जवाब में कहा था कि उन्हें किसी भी समय हटाया जा सकता है। हिमचाल प्रदेश, चंडीगढ़, राजस्थान और पंजाब में भाजपा के अध्यक्ष पहले ही बदले जा चुके हैं। हरियाणा में भी भाजपा किसी को नया अध्यक्ष बना सकती है।
शाम होते-होते उनकी बात उस समय सही साबित हो गई, जब नायब सैनी की अध्यक्ष पद पर ताजपोशी की खबर आ गई। अध्यक्ष पद से हटाने के साथ ही धनखड़ को भाजपा का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया है। इससे पहले भी वे भाजपा के राष्ट्रीय सचिव रह चुके हैं। उन्होंने दो बार भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई थी। धनखड़ से पहले सुभाष बराला भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे और वे तब टोहाना क्षेत्र के विधायक भी थे।
हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष बने सैनी इससे पहले नारायणगढ़ क्षेत्र से भाजपा के विधायक रह चुके हैं। अंबाला की भाजपा जिला इकाई के अध्यक्ष रहे हैं। विधायक होने के बाद उन्हें मनोहर लाल की सरकार में श्रम राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी। उनकी गिनती मुख्यमंत्री खट्टर के नजदीकी लोगों में की जाती है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने के सवाल पर आज यहां धनखड़ ने कहा कि पार्टी में यह एक सहज प्रक्रिया है। उन्होंने यह भी कहा कि अध्यक्ष रहते उन्होंने पार्टी को मजबूती देने की हर संभव कोशिश की। इससे पहले धनखड़ ने करीब 18 साल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में भी काम किया था।
हालांकि, धनखड़ की गिनती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के करीबियों में की जाती है। वे खट्टर सरकार में ग्रामीण विकास व पंचायत मंत्री भी रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के रीम प्रोजेक्ट श्स्टेच्यू ऑफ यूनिटीश् के राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। वर्ष 2014 में बादली क्षेत्र से चुनाव जीते धनखड़ वर्ष 2019 के चुनाव में कांग्रेस के नरेश वत्स से हार गए थे। इसके बावजूद उन्हें भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था।
राज्य में पिछड़े वर्ग की आबादी करीब 30 फीसदी है। सैनी समुदाय के ज्यादातर लोग शहरी क्षेत्रों में ही रहते हैं। नए बनाए गए अध्यक्ष सैनी की अग्नि परीक्षा आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में होनी है। उनका इरादा राज्य की सभी दस लोकसभा सीटों पर भाजपा को फिर से विजयी बनाने की है। विधानसभा चुनावों में अभी एक साल का समय बाकी है। उनकी कोशिश ऐसी  रणनीति बनाने की रहेगी कि भाजपा लगातार तीसरी बार सत्ता में आ सके। सैनी जो कुछ भी करेंगे, मुख्यमंत्री खट्टर की सहमति से ही करेंगे। खुद मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने इन दिनों गांवों का रुख किया हुआ है। जान संवाद के जरिए लोगों से संपर्क साध रहे हैं। जल्दी ही नायब सैनी भी मैदान में उतर जाएंगे।
आमतौर पर भाजपा में सभी ने सैनी को अध्यक्ष पद की कुर्सी सौंपने के फैसले की तारीफ की है। उनका मुख्यमंत्री के नजदीक होना, युवा होना और पिछड़े वर्ग से होना प्लस प्वाइंट माने गए हैं। राजनीति में मृदुभाषी होना भी एक बड़ी विशेषता मानी जाती है। संयोग से सैनी भी बहुत मीठा बोलते हैं। थोड़े से समय में ही उन्होंने भाजपा के जिला अध्यक्ष से होते हुए विधायक, राज्य मंत्री, सांसद और अब पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पद की कुर्सी भी हासिल कर ली है। राजनीति में कोई-कोई ही इतनी जल्दी सीढ़ियां चढ़ पाता है।
सब को मालूम है कि भाजपा वर्ष 2014 में पहली बार हरियाणा में अपने बलबूते 47 सीटें जीत कर सत्ता में आई थी। मनोहर लाल खट्टर पहली बार मुख्यमंत्री बने। इसके बाद वर्ष 2019 में भाजपा की सीटें घट कर 40 रह गई। सत्ता में बने के लिए भाजपा को 10 सीटें जीतने वाली जननायक जनता पार्टी (जजपा) का सहयोग लेना पड़ा। खट्टर फिर से मुख्यमंत्री बन गए। तीसरी बार भाजपा को सत्ता में लाने के लिए सैनी और खट्टर को कड़ी म्हणत करनी पड़ेगी और इसके लिए उन्होंने खुद को तैयार भी कर लिया है।
सैनी को अध्यक्ष पद दिलवाने में मुख्यमंत्री की बड़ी भूमिका रही है। ऐसा वे मानते भी हैं। सैनी के अध्यक्ष बनने से उन चर्चाओं पर विराम लग जाएगा कि राज्य में पिछड़े वर्ग के किसी नेता को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इसके लिए कभी केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर तो कभी राव इंद्रजीत और भूपेंद्र यादव का नाम चल पड़ता था। एक बार धनखड़ ने भी ऐसा ब्यान दे कर खट्टर की धड़कनें बढ़ा दी थी कि बादली से विधानसभा का चुनाव हारने के बावजूद पार्टी ने उन्हें अध्यक्ष पद पर बैठा दिया है। उन्होंने कहा था कि दो नंबर की कुर्सी उन्हें मिल गई है और अगर भगवान ने चाहा तो एक नंबर (मुख्यमंत्री) की कुर्सी भी मिल ही जाएगी।
मुख्यमंत्री खट्टर ने पिछले दिनों दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। कहने को तो उन्होंने यही कहा था कि यह मुलाकात सतलुज-यमुना जोड़ नहर के निर्माण के मुद्दे को लेकर थी। लेकिन जानकारों का मानना है कि इस दौरान उन्होंने हरियाणा में भाजपा के नए अध्यक्ष को लेकर भी अपनी राय दी होगी। माना जाता है कि खट्टर इस हक में थे कि सुभाष बराला को ही अध्यक्ष पद पर बनाए रखा जाये, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो वे नायब सैनी को इस पद पर देखना चाहते थे। आखिर में उनकी इच्छा अब पूरी हो ही गई है।

उम्मीदों पर खरा उतरूंगा: नायब सैनी

अपनी नियुक्ति के फौरन बाद नायब सिंह सैनी ने कहा कि छोटे से छोटे कार्यकर्ता को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी देना भाजपा में ही संभव है, पार्टी नेतृत्व ने उन्हें जो जिम्मेदारी मुझे सौंपी है, उस पर सदा 100 प्रतिशत खरा उतरने के प्रयास करूंगा।

सभी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर संगठन का और अधिक विस्तार किया जाएगा। सैनी अध्यक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री खट्टर के आवास पर भी पहुंचे और उनका आशीर्वाद लिया।
सैनी का कहना था कि हमारा संगठन पन्ना प्रमुख तक मजबूती के साथ काम रहा है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने संगठन को नीचे तक मजबूत करने का काम किया है। धनखड़ और कार्यकर्ताओं के आशीर्वाद से इसे और गति देते हुए मजबूत करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित, महिला, किसान, व्यापारी तथा गांव व शहर के लिए योजनाएं बना कर इन साढ़े 9 सालों में देश को बदलने का काम किया है। इसी कड़ी में हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जो योजनाएं बनाई हैं, उन्हें जमीन पर उतारने का काम हमारे लाखों कार्यकर्ता एकजुट होकर कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं के दम पर ही हरियाणा में मनोहर लाल के नेतृत्व में तीसरी बार डबल इंजन की सरकार बनेगी।
प्रदेश में चल रहे जनसंवाद कार्यक्रम पर बोलते हुए नायब सिंह सैनी ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल, हमारे सांसद, विधायक और मंत्री जनसंवाद के जरिए लोगों की समस्याओं का मौके पर ही समाधान कर रहे हैं। जितनी भी केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाएं हैं, इनसे अगर कोई व्यक्ति छूट गया है तो पार्टी के कार्यकर्ता उस व्यक्ति का सहयोगी बनकर सेवा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के 75 विधानसभाओं में पन्ना प्रमुख सम्मेलन संपन्न हो चुके हैं और जल्द ही बचे हुए पन्ना प्रमुख सम्मेलनों को भी पूरा कर लिया जाएगा।

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