हैदराबाद। तेलुगू देशम पार्टी (TDP ) ने तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है, ऐसे में राजनीतिक पार्टियां तेदेपा प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ( N. Chandrababu Naidu) की प्रशंसा करके पार्टी से सहानुभूति रखने वालों को लुभाने का प्रयास कर रही हैं।
कौशल विकास निगम से धन के कथित दुरुपयोग से संबंधित मामले में नायडू हाल में जेल से रिहा हुए हैं। नायडू 53 दिन जेल में बिताने के बाद 31 अक्टूबर को राजामहेंद्रवरम केंद्रीय जेल से बाहर आए।
आरोप है कि इस घोटाले से राजकोष को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। तेदेपा ने 2018 के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में 3.5 प्रतिशत वोट हासिल किये और दो सीटें जीती थीं। पार्टी ने अज्ञात कारणों से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। आंध्र प्रदेश की सीमा से सटे खम्मम से चुनाव लड़ रहे भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के मंत्री पी. अजय कुमार ने कहा था कि उन्होंने 14 सितंबर को नायडू की ‘‘अवैध’’ गिरफ्तारी की निंदा की थी।
पूर्व मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय नेता बताते हुए कुमार ने कहा कि राजनीति में यह गिरफ्तारी उचित नहीं है। जेल से रिहा होने पर तेदेपा सुप्रीमो के स्वागत में जमा भीड़ को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, ‘‘मेरे पिता चंद्रबाबू के बेहद करीब रहे हैं। वह हर दिन उनके बारे में पूछते रहते हैं। हमने नायडू के समर्थन में खम्मम में निकाली गई कई रैलियों का समर्थन किया है।