जयपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित जल जीवन मिशन घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले की जांच के तहत शुक्रवार को राजस्थान( Rajasthan) में भारतीय प्रशासनिक सेवा ( IAS) के एक वरिष्ठ अधिकारी के परिसरों सहित कई स्थानों पर छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि पीएचई (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS ) सुबोध अग्रवाल के परिसरों सहित दौसा और राज्य की राजधानी जयपुर में कुल 25 परिसरों पर छापे मारे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मामले से जुड़े कुछ अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है। केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में सितंबर में भी इसी तरह की छापेमारी की थी।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना के साथ राजस्थान में भी मतगणना तीन दिसंबर को होगी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय एजेंसियां विपक्ष को निशाना बनाने के लिए केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के निर्देश पर काम कर रही हैं। यह मामला राजस्थान भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) की प्राथमिकी से जुड़ा है।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक पदमचंद जैन, गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक महेश मित्तल और अन्य लोग अवैध संरक्षण प्राप्त करने, निविदाएं प्राप्त करने, बिल स्वीकृत कराने और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) से प्राप्त विभिन्न निविदाओं के संबंध में उनके किए कार्यों में अनियमितताओं के लिए लोक सेवकों को ‘‘रिश्वत देने’’ में शामिल थे।
एजेंसी ने पहले जारी बयान में कहा था, ‘‘संदिग्धों ने हरियाणा से चोरी किए गए सामान की खरीद की एवं अपने निविदाओं/अनुबंधों में इसका इस्तेमाल किया और उन्होंने पीएचईडी अनुबंध प्राप्त करने के लिए इरकॉन से प्राप्त फर्जी कार्य समापन पत्र भी जमा किए थे।’’ केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए जल जीवन मिशन का उद्देश्य घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है और इसे राजस्थान में राज्य पीएचईडी कार्यान्वित कर रहा है।