देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ( Dhirendra Pratap) ने राज्य निर्माण आंदोलन कार्यों को मिलने वाले 10% आरक्षण को लेकर उत्तराखंड सरकार ( Government of Uttarakhand) द्वारा गठित समिति द्वारा आज लिए गए फैसले का स्वागत करते हुए विश्वास व्यक्त किया है कि 3 नवंबर को होने वाली बैठक आंदोलनकारी के पक्ष में उचित फैसला लेने में सफल होगी।
उन्होंने कहा कि देर आयद दुरुस्त आयद।
उन्होंने कहा कि 3 नवंबर के बाद उनके मुख्यमंत्री सै मांग रहेगी कि वह विधानसभा का जल्द से एक दिवसीय आपातकालीन सत्र बुलाए और इस सत्र में इस समिति की जो सलाह है उसको लागू करके तत्काल राज्यपाल को इसको कानून बनाने के लिए भेजे।
उन्होंने इस बात पर दुख किया कि इस काम में काफी देरी लगी है और आंदोलन कार्यों में भी
इससे भारी असंतोष फैला है ।
उन्होंने कहा कि उन्होंने इसको लेकर आमरण अनशन का ऐलान किया हुआ है परंतु वह स्वयं सरकार में रहे हैं और इस बात को भी मानते हैं कि सरकार में रहते हुए कई कामों को करने में कठिनाइयां भी आती हैं और इसीलिए उन्होंने फिलहाल अपने अनशन को टाला हुआ है परंतु अगर सर से उपर पानी निकलेगा तो मजबूरी में फिर उन्हें आमरण नसन पर बैठना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह ।से राज्य सरकार की होगी।