नयी दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने देश के गरीब, आदिवासी, दलितों और ओबीसी के लिए जाति जनगणना (Caste Census) को जरूरी बताते हुए कहा है कि कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कार्य समिति-सीडब्ल्यूसी ने सर्वसम्मति से जाति जनगणना कराने का ऐतिहासिक फैसला लिया है।
राहुल गांधी ने यहां पार्टी मुख्यालय में सीडब्ल्यूसी (CWC) की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में जिसकी जितनी आबादी है उसे सत्ता में उसी हिसाब से भागीदारी मिलनी चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए जातीय जनगणना आवश्यक है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)पर ओबीसी के लिए काम नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि वह देश के दलितों, आदिवासियों और ओबीसी को उनका हिस्सा नहीं देना चाहते हैं इसलिए जाति जनगणना नहीं करवा रहे हैं। उनका कहना था कि देश के विभिन्न संस्थानों में आदिवासी, दलित, ओबीसी कितना है इसकी जनगणना होनी जरूरी है और उनकी आर्थिक हैसियत क्या है इसका भी सर्वे कराया जाना चाहिए।
जातीय जनगणना नहीं करने के लिए मोदी पर सीधा हमला किया और कहा कि प्रधानमंत्री जातीय जनगणना कराने में असमर्थ हैं। हमारे 4 में से 3 मुख्यमंत्री ओबीसी से हैं जबकि भाजपा (BJP) का शासन 10 राज्यों में है और इन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों में से केवल एक ओबीसी है। प्रधानमंत्री ओबीसी के लिए नहीं बल्कि उन्हें मुख्य मुद्दों से भटकाने के लिए काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि देश में किस जाति की सत्ता में क्या हिस्सेदारी है इस हकीकत को सामने लाने के लिए जातीय जनगणना बहुत आवश्यक है। उनका कहना था कि देश में महत्वपूर्ण फैसले लेने वाले 90 सचिवों में से सिर्फ तीन ओबीसी हैं। उन्होंने कहा कि यह मूवी के साथ अन्याय है इसलिए जिसकी जितनी आबादी है इस उतनी सप्ताह में भागीदारी मिलनी चाहिए।
हिंदुस्तान के भविष्य के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है। जातिगत जनगणना के बाद विकास का एक नया रास्ता खुलेगा। कांग्रेस पार्टी इस काम को पूरा करके ही छोड़ेगी। यह काम कांग्रेस शासित राज्यों में शुरू कर दिया जाएगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी जाति जनगणना कराने का दबाव बनाया जाएगा। याद रखिए.. जब हम वादा करते हैं, तो उसे तोड़ते नहीं हैं।