देहरादून। उत्तराखंड (Uttarakhand) के देहरादून स्थित वन अनुसंधान केंद्र में 49वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस नियत समय से शुरू हो गई। कांग्रेस(Congress) के प्रथम सत्र 5G युग में पुलिस व्यवस्था पर चर्चा करते हुए उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक राजा श्रीवास्तव (Director General of Police Raja Srivastava) ने बताया कि भ्रष्टाचार विरोधी जांचों (Anti-corruption investigations )में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से क्रान्तिकारी बदलाव आए हैं।
उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक का उपयोग कर अल्प समय में डेटा का विश्लेषण कर जाचों को समय से किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में कई जांचों में फाइनेंसियल, बिहेवियर एनालिसेस का प्रयोग कर अच्छे रिजल्ट मिले हैं, जो साक्ष्यों को न्यायालय में मजबूत आधार प्रदान करते हैं।
साइबर सुरक्षा में ज्ञात और अज्ञात प्रताड़ना पर संयुक्त निदेशक, आसूचना ब्यूरो ने प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि पुलिस से संबंधी संस्थाओं के लिए डेटा की सुरक्षा काफी महत्वपूर्ण है। उन्होने बताया कि विभिन्न कार्यों हेतु आईपी कैमराज का उपयोग हो रहा हैं। जिनके नेटवर्क को सिक्योर करना साइबर सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू है। दिल्ली पुलिस के संयुक्त कमीशनर बी. एस. जायसवाल ने जियोस्पाटाइल तकनीक एवं बिग डाटा एनालिसिस के प्रयोग के आधार पर प्रभावी सीमा प्रबन्धन पर प्रकाश डाला।
49वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस के द्वितीय सत्र में नारकोटिक्स: एक अभूतपूर्व दृष्टिकोण पर हुई चर्चा में चेन्नई के अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध महेश कुमार अग्रवाल ने नारकोटिक्स एवं ड्रग्स पैडलर्स के नेटवर्क एवं उन पर की गयी कार्यवाही के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने कहा कि ड्रग्स की मांग में कमी लाकर सप्लाई को कंट्रोल किया जा सकता है।
भारतीय रेलवे सेवा के उप निदेशक (आपरेशन) एसडी जंबोटकर ने ड्रग्स ट्रैफिकिंग पर विस्तार पूवर्क अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि ड्रग्स तस्कर विभिन्न नए तरीकों जैसे सोशल मीडिया, ड्रोन, डार्क वेब, कोरियर सर्विस का उपयोग कर नेटवर्क को बढ़ रहे हैं। ड्रग्स पैडर्ल्स पर प्रभावी रोकथाम के लिए एक विशेष कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने एनसीबी द्वारा डार्क नेट पर की गयी कार्यवाही को विस्तारपूर्वक बताया।
वेल्लोर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त बेलूह एमानुएल ने नार्को एनक्सलिज्म से प्रभावित क्षेत्रों के बारे में बताते हुए इस ओर की गयी प्रभावी कार्यवाही के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होने विश्व एवं राष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स के व्यापार पर डेटा के माध्यम से अपने विचार रखे। ड्रग्स के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही के लिए प्रशिक्षण, जागरूकता, एनफोर्समेंट और काउंसलिंग पर जोर दिया।