देहरादून।चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ( Dhirendra Pratap)ने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के शहीदों को आज श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उत्तराखंड की जनता उनके ऐतिहासिक योगदान को कभी भुला नहीं सकेगी।
मुजफ्फरनगर कांड की 32वीं पुण्यतिथि के अवसर पर मुजफ्फरनगर के अलावा मसूरी खटीमा देहरादून श्रीनगर के दिवंगत महान राज्य आंदोलनकारी शहीदों को स्मरण करते हुए श्राद्ध के अवसर पर राज्य आंदोलनकारी को तरपण देते हुए ,खास तौर पर मुजफ्फरनगर खटीमा देहरादून के दिवंगत आंदोलनकारी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि यह हमारे शहीदों का त्याग है जिससे आज उत्तराखंड (Uttarakhand) राज्य एक शाश्वत सत्य बन गया है ।
उन्होंने कहा कि यह अफसोस की बात है की करीब 30 वर्ष हो गए परंतु आज तक मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को हम सजा नहीं दिला पाये।उन्होंने इस आंदोलन में शामिल हजारों आंदोलनकारी के भाजपा राज में चीनी कारण न किए जाने की आलोचना की और आंदोलन कार्यों के सपनों के अनुरूप मूल निवास भू कानून गैरसैण स्थाई राजधानी जैसे सवाल आज भी अनुत्रित बने हुए हैं ।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि राज्य आंदोलनकारी एक-एक करके रोज गुजर रहे हैं परंतु उनके 10 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर सरकार बहाने बनाने में लगी है ।
उन्होंने राज्य में विनिवेश के नाम पर पिछले तीन दिन से चल रहे ड्रामे पर टिप्पणी करते हुए कहा की उत्तराखंड के लोग डेंगू से करने पर लगे हैं और मुख्यमंत्री लंदन में पिकनिक मनाने गए हुए हैं ।
उन्होंने कहा इस तरह के विनिवेश के दावे भाजपा के पुराने कई मुख्यमंत्री ने किया लेकिन कहीं पर भी एक भी उत्तराखंडी बेरोजगार को नौकरी नहीं मिली।
उन्होंने उत्तराखंडी आंदोलनकारी से आह्वान किया कि वह अपने राज्य आंदोलन के संकल्पों को लेकर संगठित हो और उत्तराखंड राज्य को आदर्श राज्य बनाने के लिए लामबंद हो ।
आज श्राद्ध में प्रतिपदा के अवसर पर उन्होंने दिवंगत शहीदों की याद में पूजा की और राज्य के लिए त्याग देने वाले लोगों के संघर्ष का स्मरण किया।