कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) पूर्वी और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों एवं साथ ही 3 पड़ोसी देश बंगलादेश, नेपाल तथा भूटान के प्रवेश द्वार बंगाल में व्यापार, वाणिज्य और व्यवसायों में अनिवासी भारतीयों (Non-Resident Indians) के साथ-साथ विदेशी निवेशकों (Foreign investors) से संभावित निवेश की तलाश में मंगलवार को दुबई और स्पेन के लिए रवाना हुयीं। कोलकाता 21-22 नवंबर, 2023 को बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (BGBS) के सातवें संस्करण की मेजबानी करेगा। बनर्जी ने मंगलवार सुबह नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं (Reporters) से कहा, दुबई में रुकने के बाद मैं ट्रेन से मैड्रिड (Madrid) और फिर बार्सिलोना (Barcelona) के लिए उड़ान भरूंगी जहां मैं निवेशकों से मिलकर उन्हें पश्चिम बंगाल (West Bengal) में निवेश के लिए आमंत्रित करूंगी।
उन्होंने कहा कि 5 साल पहले उन्हें कोलकाता में एक स्पेनिश प्रतिनिधिमंडल (Spanish delegation) से अपने देश का दौरा करने का निमंत्रण मिला था। स्पेन से प्रतिनिधिमंडल कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में हिस्सा लेने आया था। उन्होंने यह भी कहा कि दुबई में एक व्यावसायिक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा जहां वह संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) और पश्चिम एशियाई देशों से निवेश मांगने में भाग लेंगी। मोहन बागान (Mohun Bagan) और पूर्वी बंगाल के प्रतिनिधिओं के साथ उनके कुछ कैबिनेट मंत्री भी उनके साथ हैं। भारत के पूर्व कप्तान और भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) अध्यक्ष सौरव गांगुली भी मैड्रिड में बनर्जी से सीधे जुड़ने के लिए आमंत्रित लोगों में से एक हैं।
दिलचस्प बात यह है कि विभिन्न मुद्दों पर मतभेद के बावजूद राज्यपाल सी वी आनंद बोस (Governor C V Anand Bose) ने सोमवार को बनर्जी को लिखे एक पत्र में उनकी स्पेन यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं। पश्चिम बंगाल तेजी से खुद को एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में तब्दील कर रहा है। रणनीतिक भौगोलिक लाभ, सक्रिय सरकारी नीतियों, कुशल मानव संसाधनों और जीवंत कारोबारी माहौल के संयोजन के साथ पश्चिम बंगाल भारत की आर्थिक विकास की कहानी में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है। यह देश के अग्रणी निर्यातकों में से एक है जिसका देश के चमड़ा निर्यात में 12 प्रतिशत और लौह एवं इस्पात निर्यात में 10 प्रतिशत हिस्सा है।
MSME औद्योगिक पिरामिड का महत्वपूर्ण आधार है और पश्चिम बंगाल में देश की दूसरी सबसे बड़ी संख्या में MCME (लगभग 90 लाख इकाइयां) हैं जो भारत के MSME का 14 प्रतिशत है। बनर्जी की 11 दिवसीय विदेश यात्रा 5 साल बाद हो रही है। उनके के 23 सितंबर को स्वदेश लौटने की उम्मीद है।