चेन्नई। भारत का पहला सौर अन्वेषण मिशन आदित्य-एल1 (Aditya-L1) उपग्रह सूर्य की सतह का व्यवस्थित अध्ययन करने के लिए देश में विभिन्न प्रयोगशालाओं द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित 7 वैज्ञानिक पेलोड ले जाएगा। जो सितंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बताया कि कि आदित्य एल-1 के साथ 7 पेलोड (Policy load) भी अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे। ये पेलोड सूरज की प्रकाशमंडल, वर्णमंडल और सबसे बाहरी परत का अध्ययन करेंगे। 7 में से 4 पेलोड लगातार सूर्य पर नजर रखेंगे जबकि 3 पेलोड परिस्थितियों के हिसाब से कणों और मैग्नेटिक फील्ड का अध्ययन करेंगे।
ISRO ने कहा कि आदित्य-एल1 मिशन के साथ सूर्य का व्यवस्थित अध्ययन करने के लिए 7 वैज्ञानिक पेलोड ले जाएगा। इसके अलावा विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) सौर कोरोना और कोरोनल मास इजेक्शन की गतिशीलता का अध्ययन करता है। अंतरिक्ष यान वैद्युत-चुम्बकीय और कण और चुंबकीय क्षेत्र संसूचकों का उपयोग करके फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की सबसे बाहरी परतों (कोरोना) का निरीक्षण करने के लिए 7 नीतभार ले जाएगा। विशेष सहूलियत बिंदु एल1 का उपयोग करते हुए, 4 नीतभार सीधे सूर्य को देखते हैं और शेष 3 नीतभार लाग्रेंज बिंदु (Lagrange Point) एल1 पर कणों और क्षेत्रों का यथावस्थित अध्ययन करते हैं, इस प्रकार अंतर-ग्रहीय माध्यम में सौर गतिकी के प्रसार प्रभाव का महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अध्ययन प्रदान करते हैं।
सौर अल्ट्रा-वायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT) पेलोड अल्ट्रा-वायलेट (UV) के निकट सौर प्रकाशमंडल और क्रोमोस्फीयर की तस्वीरें लेता है और यूवी के निकट सौर विकिरण भिन्नता को भी मापता है। आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) और प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA) पेलोड सौर पवन और ऊर्जावान आयनों के साथ-साथ उनके ऊर्जा वितरण का अध्ययन करते हैं। सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर और हाई एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर विस्तृत एक्स-रे ऊर्जा रेंज में सूर्य से आने वाली एक्स-रे फ्लेयर्स का अध्ययन करते हैं। मैग्नेटोमीटर पेलोड एल1 बिंदु पर अंतरग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र को मापने में सक्षम है।
वीईएलसी उपकरण (VELC Equipment) भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान, बैंगलोर में, इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स, पुणे में,एसयूआईटी उपकरण, भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, अहमदाबाद में,एएसपीईएक्स उपकरण, अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवनंतपुरम में, पापा पेलोड, सोलेक्स और हेल1ओएस पेलोड यू आर राव सैटेलाइट सेंटर, बेंगलुरु में और मैग्नेटोमीटर पेलोड इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स सिस्टम प्रयोगशाला, बैंगलोर में विकसित किया गया है। सभी पेलोड ISRO के विभिन्न केंद्रों के निकट सहयोग से विकसित किए गए हैं।