शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में पिछले तीन दिनों में मूसलाधार बारिश और भूस्खलन की घटनाओं में 71 लोगों की मौत(killed) हो गयी है और कई अन्य लोग लापता हैं। राजधानी शिमला के उपनगर समरहिल क्षेत्र में भूस्खलन से जमींदोज हुए शिव बावड़ी मंदिर में लापता लोगों को निकालने का राहत कार्य जारी है। हादसे के चौथे दिन गुरुवार को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस, होमगार्ड, स्थानीय लोगों ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। आज पूर्वाह्न 10 बजे के करीब घटनास्थल के नीचे नाले में एक और शव बरामद हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार 18 से 20 अगस्त तक दोबारा प्रदेश में भारी बारिश का येलो अलर्ट है। प्रदेश में कल शिमला समेत अधिकांश जिलों में मौसम साफ रहा।प्रदेश में तीन दिनों के भीतर ही बारिश और भूस्खलन के कारण 71 लोग दम तोड़ चुके हैं। वहीं पौंग बांध से पानी छोड़ने से कांगड़ा जिले का इंदौरा और फतेहपुर क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। यहां मंगलवार और बुधवार को दो दिनों में 1,731 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया।
आपदा प्रबंधन के प्रमुख सचिव ओंकार चंद शर्मा ने कहा कि 13 से 15 अगस्त तक लगातार बारिश ने कुल 71 लोगों की जान ले ली है, जबकि इस मानसून में लगभग 7,500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। इस बीच हेलिकाप्टर से 739, नाव से 780 और अन्य माध्यमों से 212 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए। पानी भरने से दोनों क्षेत्रों में काफी नुकसान हुआ है। कुल्लू के आनी उपमंडल की पोखरी पंचायत के रगेली गांव में दो मकान भूस्खलन की चपेट में आए। इससे एक ही परिवार के तीन लोग मलबे में दब गए।
भूस्खलन के कारण घर से करीब दस किलोमीटर दूर तीनों के शव मिले। किन्नौर जिले के कल्पा खंड के पांगी गांव के दुनंग कंडे (काशंग नाला) में चट्टानों की चपेट में आने से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। चंबा जिले के चुवाड़ी स्थित कलम खड्ड में दोस्तों के साथ नहाने उतरे 14 वर्षीय युवक की पानी के तेज प्रवाह में बहने से मौत हो गई। कांगड़ा जिले के धीरा के परमार नगर गांव में करीब 30 मकान धंस गए हैं।