- प्रधानमंत्री ने राजस्थान में विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया
- खाटू श्यामजी की यह धरती देश भर के श्रद्धालुओं को भरोसा और उम्मीद देती है
सीकर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान के सीकर में विभिन्न परियोजनाओं के शिलान्यास एवं उद्घाटन किया। मोदी ने कि खाटू श्यामजी की यह धरती देश भर के श्रद्धालुओं को भरोसा देती है एक उम्मीद देती है। मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे वीरों की भूमि शेखावाटी से देश के लिए अनेक विकास परियोजनाओं को शुरू करने का अवसर मिला है। आज यहाँ से देश के करोड़ों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के लगभग 18 हजार करोड़ रुपये भेजे गए हैं। सीधे उनके बैंक खाते में जमा हुए हैं।
मोदी ने अपनी केन्द्र सरकार को किसान का दुख दर्द समझने वाली सरकार बताते हुए कहा है कि आजादी के इतने दशक बाद यह ऐसी सरकार आई है जो उसकी चिंता समझती है। इसलिए उसने गत नौ वर्षों में लगातार किसान हित में फैसले लिए गए हैं और बीज से बाजार तक किसानों के लिए नई व्यवस्थाओं का निर्माण कर दिया है।
उन्होंने कहा कि आज देश में सवा लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्रों की शुरुआत की गई है। गांव और ब्लॉक लेवल पर बने इन पीएम किसान समृद्धि केंद्रों से करोड़ों किसानों को सीधा लाभ होगा। आज डेढ़ हजार से ज्यादा पीएफओ के लिए, हमारे किसानों के लिए ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स का लोकार्पण भी हुआ है। इससे देश के किसी भी कोने में बैठे किसान के लिए अपनी उपज बाजार तक पहुंचाना और आसान हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ही देश के किसानों के लिए एक नया यूरिया गोल्ड भी शुरू किया गया है। इनके अलावा राजस्थान के अलग-अलग शहरों को नए मेडिकल कॉलेज और एकलव्य मॉडल स्कूल का उपहार भी मिला है। उन्होंने कहा मैं देश के लोगों को, राजस्थान के लोगों को और खासकर मेरे किसान भाई-बहनों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं, बहुत बधाई देता हूं।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में सीकर और शेखावाटी का यह हिस्सा एक प्रकार से किसानों का गढ़ है। यहां के किसानों ने हमेशा ये साबित किया है कि उनकी मेहनत के आगे कुछ भी मुश्किल नहीं है। पानी की कमी के बावजूद यहां किसानों ने धरती से भरपूर फसल लेकर दिखाई है। किसान का सामर्थ्य, किसान का परिश्रम, मिट्टी से भी सोना निकाल देता है और इसलिए हमारी सरकार देश के किसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
उन्होंने कहा कि उन्हें याद है, यहां राजस्थान के सूरतगढ़ से ही हमने 2015 में सॉयल हेल्थ कार्ड योजना शुरू की थी। इस योजना के माध्यम से हमने देश के किसानों को करोड़ों सॉयल हेल्थ कार्ड दिए। इन कार्डों की वजह से आज किसानों को मिट्टी की सेहत के बारे में पता चल रहा है, वो उसी हिसाब से खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं।