लंबे समय तक विकास से वंचित था द्वीप क्षेत्र : मोदी

कोलकाता । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि देश के आदिवासी और द्वीप क्षेत्र लंबे समय तक विकास से वंचित थे जिनपर उनकी सरकार ने ध्यान दिया तथा पिछली सरकारों की इन गलतियों को सुधारा।श्री मोदी ने पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन की पट्टिका का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अनावरण के मौके पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि भले ही आज का कार्यक्रम पोर्ट ब्लेयर में हो रहा है, लेकिन पूरा देश उत्सुकता से केंद्र शासित प्रदेश की ओर देख रहा है क्योंकि वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की यात्री प्रबंधन क्षमता बढ़ाने की मांग पूरी हो रही है। लगभग 710 करोड़ रुपये की निर्माण लागत से निर्मित, नया टर्मिनल भवन सालाना लगभग 50 लाख यात्रियों को संभालने में सक्षम है।

उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित रहने की इच्छा भी व्यक्त की क्योंकि वह खुशी के माहौल और नागरिकों के खुश चेहरों का अनुभव कर सकते थे। उन्होंने कहा,“जो लोग अंडमान जाना चाहते थे, उन्होंने बड़ी क्षमता वाले हवाई अड्डे की भी मांग की।पोर्ट ब्लेयर में हवाई अड्डे की सुविधाओं के विस्तार के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अब तक मौजूदा टर्मिनल में 4000 पर्यटकों को संभालने की क्षमता थी और नए टर्मिनल ने यह संख्या 11,000 कर दी है और 10 हवाई जहाज अब हवाई अड्डे पर किसी भी समय पार्क किए जा सकते हैं। उन्होंने जोर दिया कि अधिक उड़ानें और पर्यटक क्षेत्र में अधिक नौकरियां लाएंगे।

श्री मोदी ने कहा कि भारत में विकास का दायरा लंबे समय तक बड़े शहरों तक ही सीमित रहा और देश के आदिवासी और द्वीप क्षेत्र लंबे समय तक विकास से वंचित थे। पिछले नौ वर्षों में वर्तमान सरकार ने पूरी संवेदनशीलता के साथ न केवल पिछली सरकारों की गलतियों को सुधारा है बल्कि एक नयी व्यवस्था भी बनाई है।उन्होंने कहा कि आज दुनिया में द्वीपों और छोटे तटीय देशों के ऐसे कई उदाहरण हैं जिन्होंने अभूतपूर्व प्रगति की है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भले ही प्रगति का मार्ग चुनौतियों से भरा हो, लेकिन विकास सभी प्रकार के समाधानों के साथ आता है।
उन्होंने कहा कि भारत में समावेशन के विकास का एक नया मॉडल सामने आया है। यह मॉडल ‘सबका साथ, सबका विकास’ का है। विकास का यह मॉडल बहुत व्यापक है और इसमें हर क्षेत्र एवं समाज के हर वर्ग तथा जीवन के हर पहलू जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और कनेक्टिविटी का विकास भी शामिल है।
श्री मोदी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकालों में अंडमान निकोबार को 23,000 करोड़ रुपये का बजट मिला था जबकि वर्तमान सरकार के पिछले नौ वर्षों में लगभग 48,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था। इसी तरह पिछली सरकार के नौ वर्षों में 28,000 घरों को पाइप से पानी से जोड़ा गया था जबकि पिछले नौ वर्षों में यह संख्या 50,000 है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज अंडमान-निकोबार में हर किसी के पास बैंक खाता है और ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ की सुविधा है। पोर्ट ब्लेयर में मेडिकल कॉलेज का श्रेय भी वर्तमान सरकार को है, जबकि पहले केंद्र शासित प्रदेश में कोई मेडिकल कॉलेज नहीं था। पहले इंटरनेट पूरी तरह से उपग्रहों पर निर्भर था लेकिन अब वर्तमान सरकार ने सैकड़ों किलोमीटर तक पानी के अंदर ऑप्टिकल फाइबर बिछाने की पहल की है।
उन्होंने कहा कि सुविधाओं के इस विस्तार से यहां पर्यटन को भी गति मिल रही है। मोबाइल कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य अवसंरचना, हवाई अड्डे की सुविधाएं और सड़कें पर्यटकों के आगमन को बढ़ावा देती हैं। इसीलिए 2014 की तुलना में पर्यटकों की संख्या दोगुनी हो गई है। साहसिक पर्यटन भी फल-फूल रहा है और आने वाले वर्षों में यह संख्या कई गुना बढ़ जाएगी।
श्री मोदी ने कहा कि भले ही लाल किले पर फहराए जाने से पहले अंडमान में तिरंगा फहराया गया था, लेकिन द्वीप पर केवल गुलामी के निशान ही पाए जा सकते हैं। उन्होंने ठीक उसी स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अवसर मिलने के लिए आभार व्यक्त किया, जहां कभी नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने तिरंगा फहराया था।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह वर्तमान सरकार ही थी जिसने रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष द्वीप, हैवलॉक द्वीप का नाम स्वराज द्वीप और नील द्वीप का नाम शहीद द्वीप कर दिया। उन्होंने 21 अन्य द्वीपों का नाम परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर रखने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का विकास देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।

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