नई दिल्ली। वंदेभारत ट्रेनों में सीटें खाली रहने की स्थिति को देखते रेलवे किराये की समीक्षा कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, अपेक्षाकृत छोटी दूरी वाली कुछ वंदेभारत ट्रेनों में सीटें पूरी तरह भर नहीं पा रही हैं।
ऐसी स्थिति में रेलवे उनके किराये की समीक्षा कर उन्हें आकर्षक बनाने की योजना बना रहा है। इंदौर-भोपाल, भोपाल-जबलपुर और नागपुर-बिलासपुर जैसी वंदेभारत ट्रेनों के किराये की समीक्षा की जा रही है। इन सभी ट्रेनों में सीटें काफी हद तक खाली चल रही हैं।
पीटीआई-भाषा को मिले जून तक के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भोपाल-इंदौर वंदेभारत ट्रेन में केवल 29 प्रतिशत सीटें भरी हुई थीं जबकि इंदौर-भोपाल ट्रेन में 21 प्रतिशत सीट आरक्षित थीं। करीब तीन घंटे का सफर तय करने वाली इस ट्रेन में एसी चेयर कार का किराया 950 रुपये है जबकि एक्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 1525 रुपये रखा गया है।
सूत्रों ने कहा कि इस ट्रेन के किराये की रेलवे समीक्षा कर सकता है। देश की सबसे आधुनिक एवं तेज रफ्तार वाली वंदेभारत ट्रेनों का सबसे लंबा सफर करीब 10 घंटे का है जबकि सबसे छोटा सफर तीन घंटे का है। इनमें से कुछ ट्रेनों में सीटों के खाली रहने की समस्या दूर करने के लिए किराये की समीक्षा की जा रही है।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “इसके पीछे सोच यह है कि सभी वंदेभारत ट्रेन में यात्रियों को सुविधाजनक सफर का मौका मिले। हमने हालात की समीक्षा की है और हमारी राय है कि कुछ वंदेभारत ट्रेन, खासकर कम दूरी वाली, का किराया अगर घटा दिया जाता है तो वह ज्यादा अच्छा कर पाएंगी।
हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोग इन ट्रेनों में सफर करें।” हालांकि वंदेभारत ट्रेनों में सीटें लगभग भरी होती हैं लेकिन कुछ ट्रेनों में ऐसी स्थिति नहीं है। रेलवे उन्हें भी सफल बनाने के लिए जरूरी बदलाव करने जा रहा है।
अभी तक देश के 24 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में वंदेभारत ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। इनमें से कासरगोड-त्रिवेंद्रम एक्सप्रेस में 183 प्रतिशत बुकिंग रहती है और यह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली वंदेभारत ट्रेन है। गांधीनगर-मुंबई सेंट्रल, वाराणसी-नयी दिल्ली, देहरादून-अमृतसर और मुंबई-शोलापुर के बीच चलने वाली वंदेभारत ट्रेनों में भी 100 प्रतिशत से अधिक बुकिंग रहती है।