देहरादून। सहकारिता विभाग के उप निबंधक मान सिंह सैनी ने कहा है कि सहकारी बंधु नवीनतम केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय व उत्तराखंड सहकारिता विभाग की तमाम लाभकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार न्याय पंचायत और गांव गांव स्तर पर करें।
तथा माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उदबोधन में अपेक्षित पहलुओं का क्रियान्वयन धरातल पर दृढ़ता से किया जाये , जिससे आखरी पायदान पर बैठे व्यक्ति की आंकाक्षाओं की पूर्ति भी सहकारिता के माध्यम से की जा सके और सहकारी आन्दोलन को सुढढ बनाने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकें।
उप निबन्धक सहकारिता सैनी बतौर मुख्य अतिथि आज शनिवार को 17वीं भारतीय राष्ट्रीय सहकारी महासम्मेलन एंवम् अर्न्तराष्ट्रीय अर्न्तराष्ट्रीय सहकारी दिवस 2023 के तत्तवाधान में कृषक भारतीय कोआपरेटीव लि० (कृभको) देहरादून द्वारा सहकारी प्रबंध संस्थान, मसूरी रोड, देहरादून के प्रागंण में एक सहकारिता संगोष्ठी में बोल रहे थे।
उप महाप्रबंधक विपणन कृभको उत्तराखंड गजेन्द्र कुमार, ने इस अवसर पर राज्य में किसान हित में कृभको द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही कहा कि, किसान हित के लिए अत्यत्न उपयोगी जैविक उत्पाद जैसे सिटी कम्पोस्ट, तरल जैव उर्वरक एंवम शिवारिका के उपयोगी है।
कार्यक्रम में लगभग 60 प्रतिभागियों द्वारा हिस्सा लिया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ 17वीं भारतीय राष्ट्रीय सहकारी महासम्मेलन के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिये गये उद्घाटन उद्बोधन का पावर पोइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से सजीव प्रसारण द्वारा किया गया। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने उद्बोधन में सहकारी समितियों को अपने कार्यों को बहुआयामी बनाते हुए समिति सदस्यों की आर्थिक हितों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।
इस मौके पर अजय शर्मा, वरिष्ठ संकाय सदस्य, आईसीएम उपनीश यादव, संकाय सदस्य, आईसीएम के अतिरिक्त जनपद देहरादून के समस्त बहुउददेश्शीय प्राथमिक सहकारी समितियों के सचिव, अध्यक्षों, समस्त सहायक विकास अधिकारी सहकारिता एंवम् समस्त अपर जिला सहकारी अधिकारियों द्वारा विचार व्यक्त किए गए।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए श्री रमेश कुमार, वरिष्ठ प्रबंधक विपणन कृभको उत्तराखंड, द्वारा उपस्थित सहकारी बंधुओं से अपने व्यवसाय का विविधीकरण करते हुए उसमें नवाचार का प्रयोग करने पर बल दिया गया। अजय शर्मा, वरिष्ठ संकाय सदस्य, आईसीएमद्वारा सहकारी बंधुओं से केन्द्र एंव प्रान्तीय सरकार की विभिन्न योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करते हुए समितियों की आर्थिक सुदृढता प्रदान करने हेतु विभिन्न उपाय सुझायें गये।