कांग्रेस के साथ मतभेद सुलझाना चाहते हैं केजरीवाल

नई दिल्ली। बीजेपी को केंद्र की सत्ता से हटाने और मिलकर चुनाव लड़ने की रणनीति पर पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में आम आदमी पार्टी शामिल नहीं हुई। ऐसा इसलिए कि आप के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कांग्रेस को लेकर असहज हैं।

पटना में बैठक को लेकर अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ अलग से चाय पर मुलाकात के लिए कई बार अनुरोध किया। सूत्रों की मानें तो अरविंद केजरीवाल कांग्रेस और उनकी पार्टी के बीच मतभेदों को सुलझाना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस की ओर से उन्हें बुलाया नहीं गया।

अरविंद केजरीवाल की ओर से कहा गया है कि जब तक कांग्रेस सार्वजनिक रूप से केंद्र के अध्यादेश की निंदा नहीं करती और घोषणा नहीं करती कि उसके सभी 31 राज्यसभा सांसद इसका विरोध करेंगे। आम आदमी पार्टी के लिए ‘समान विचारधारा वाले दलों की भविष्य की बैठकों में भाग लेना मुश्किल होगा। केजरीवाल ने एक बयान में कहा कि यही समय है कि कांग्रेस यह तय करे कि वह दिल्ली के लोगों के साथ खड़ी है या मोदी सरकार के साथ। आप के इस एक कदम ने अन्य 14 राजनीतिक दलों द्वारा ‘विपक्षी एकता’ के बहुप्रदर्शित दावों पर पर्दा डालने की कोशिश की है।
दरअसल, पटना की बैठक से दो दिन पहले ही खींचतान का मंच तैयार हो गया था, जब आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस को छोड़कर सभी दलों को पत्र लिखकर केंद्र सरकार के अध्यादेश जारी किए जाने के खिलाफ उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया था। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सभी दलों को 23 जून की बैठक में अध्यादेश पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए और इसे संसद में गिराने की रणनीति पर पहले चर्चा होनी चाहिए।

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