कलकत्ता हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों की तारीखों को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि नामांकन की तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव का ऐलान कर दिया गया है। पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव आठ जुलाई को होंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त राजीव सिन्हा बताया कि ग्राम सभाओं के लिए चुनाव एक ही दिन में होंगे और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 जून होगी।
सिन्हा ने बताया, “पंचायत चुनाव आठ जुलाई को होंगे। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 जून है। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 20 जून है।” मतों की गिनती 11 जुलाई को होगी।
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने को लेकर जारी हिंसा और झड़पों के बीच सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सोमवार को विपक्षी दलों पर हार के डर से चुनाव में देरी करने और राज्य की छवि धूमिल करने के लिए ‘साठगांठ करने’ का आरोप लगाया।
वहीं, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया कि उनके उम्मीदवारों को टीएमसी के कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न जिलों में नामांकन पत्र जमा करने से रोका गया है।
विपक्षी दलों ने कहा कि केंद्रीय बलों की तैनाती के बिना यहां शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव होना असंभव है। विपक्षी दलों ने राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) पर टीएमसी का पक्ष लेने और उसके ‘मुखौटा संगठन’ के रूप में काम करने का आरोप लगाया।
एसईसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अज्ञात उपद्रवियों ने विपक्षी दल के नेताओं पर तब हमला किया, जब वे पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने जा रहे थे। एसईसी के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार को पश्चिम मेदिनीपुर जिले के दासपुर, दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप, मुर्शिदाबाद जिले के रानीनगर, पूर्वी बर्धमान जिले के शक्तिनगर और बरशूल और उत्तरी 24 परगना जिले के मिनाखान में झड़पों की सूचना मिली है।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि विपक्षी दल भाजपा, माकपा और कांग्रेस, पंचायत चुनावों में हार के डर से और सभी सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने में असमर्थता की वजह से चुनाव में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं। हम उन्हें चुनौती देते हैं कि वे सभी सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित करें।
” राज्य के वरिष्ठ मंत्री शशि पांजा ने कहा कि विपक्षी दल ‘‘हार की डर से बेबुनियाद आरोप लगाकर ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।”
टीएमसी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, विपक्षी दल भाजपा ने कहा कि केंद्रीय बलों के बिना बंगाल में शांतिपूर्ण पंचायत चुनाव असंभव है। भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टचार्य ने कहा, ‘‘एसईसी टीएमसी के एक मुखौटा संगठन की तरह काम कर रहा है।
केंद्रीय बलों की तैनाती के बिना पश्चिम बंगाल में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं। टीएमसी इस पंचायत चुनाव को 2018 की तरह ही एक तमाशा में बदलना चाहती है।”