पश्चिम बंगाल के चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के वास्ते नामांकन पत्र दाखिल करने की तारीख बढ़ाने की मांग पर आयोग के रुख तथा हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताने के लिए शनिवार को राज्यपाल सी वी आनंद बोस से भेंट की।
राज्यपाल ने नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया पर हिंसा की घटनाओं के प्रभाव से जुड़े आरोपों पर राज्य चुनाव आयोग से ब्योरा मांगा था और आयुक्त से पूछा कि क्या राज्य चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया के प्रबंधन के लिए केंद्रीय बलों की मांग करने पर विचार किया है।
राज्यपाल से मिले भाजपा नेता
इससे पहले पहले दिन में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राजभवन जाकर बोस से मुलाकात की थी और उनसे नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया के बारे में शिकायत की थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी इसी मुद्दे पर राज्यपाल को एक पत्र लिखा है। शुक्रवार को राज्य चुनाव आयोग ने कहा था कि आठ जुलाई को होने वाले बंगाल पंचायत चुनाव के वास्ते नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख बढ़ाने पर वह गौर कर सकता है।
उससे पहले, तारीख बढ़ाने की मांग संबंधी विपक्षी नेताओं की याचिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा था कि ‘‘ अदालत का मत है कि अधिसूचना में तय की गई समय सीमा अपर्याप्त है।” सिन्हा ने कहा था, ‘‘हम स्थिति पर पुनर्विचार करने जा रहे हैं और हम तारीख बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं।”
अलग से अधिकारियों ने कहा कि जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठकें करने के बाद आयोग ने तय किया है कि पांच जिलों– उत्तरी एवं दक्षिणी 24 परगना, बीरभूम, जलपाईगुड़ी और पूर्वी मेदिनीपुर पर विशेष ध्यान दिया जाए, क्योंकि वे ‘संवेदनशील’ नजर आते हैं।