नीतीश ने शराब पर रोक लगाकर प्रदेश के गरीबों का 20 हजार करोड़ का किया नुकसान
शराबबंदी से समाज का आर्थिक और सामाजिक विकास संभव नहीं: प्रशांत किशोर
पटना। बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह फेल है और नीतीश सरकार ने शराब पर रोक लगाकर प्रदेश के गरीबों का करीब 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान किया है। जन सुराज के संस्थापक एवं चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आरोप लगाते हुए पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि नीतीश सरकार में आज शराब माफिया का बड़ा तंत्र खड़ा हो गया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के गरीब लोगों का करीब 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से प्रतिवर्ष हो रहा है क्योंकि यह पैसा शराब माफियाओं और अधिकारियों की जेब में जा रहा है।
चुनावी रणनीतिकार ने कहा, ‘‘मेरी अपनी जो समझ है वो यह कहती है कि दुनिया में किसी भी देश, राज्य या फिर किसी भी समाज में इस बात का प्रमाण नहीं है कि शराबबंदी से समाज का आर्थिक, सामाजिक विकास किया गया हो। उन्होंने कहा कि यदि शराबबंदी के जरिए ऐसा होता तो दुनिया में सारे लोग बेवकूफ नहीं हैं, वह भी शराबबंदी लागू कर देते।”
प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पूरी सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि उन्हें एक लाइन गांधी जी का लिखा हुआ या बोला हुआ दिखा दें कि सरकारों को शराबबंदी लागू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने ये कहा कि शराब पीना गलत बात है। गांधी जी ने ये नहीं कहा कि कानून बना दीजिए और लोगों को जेल में डाल दीजिए।