बेलग्रेड। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सर्बियाई राष्ट्रपति अलेक्जेंद्र वुकिक के साथ बातचीत की और कहा कि द्विपक्षीय संबंध आपसी विश्वास, परस्पर समझ और आपसी हित के मुद्दों पर एक दूसरे के समर्थन पर आधारित हैं।
सर्बिया की यात्रा करने वाली प्रथम भारतीय राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘‘हम इस महत्वपूर्ण संबंध में और अधिक आकांक्षाओं को समाविष्ट करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
दोनों राष्ट्रपतियों ने शिष्टमंडल स्तर की वार्ता में भारत-सर्बिया द्विपक्षीय संबंध के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की और साथ ही समान हित के वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। मुर्मू ने एक प्रेस वक्तव्य में कहा, ‘‘मेरी आज सुबह राष्ट्रपति वुकिक के साथ सकारात्मक और लाभप्रद बातचीत हुई जिसमें हमारे द्विपक्षीय संबंध के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं तथा समान हित के वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की गयी।’’
उन्होंने कहा कि भारत और सर्बिया के संबंध गुट-निरपेक्ष आंदोलन (नैम) के दिनों से विशिष्ट रहे हैं। मुर्मू ने कहा, ‘‘हमने अपने लंबे समय से चले आ रहे द्विपक्षीय संबंधों, विशेष रूप से व्यापार और निवेश, सूचना और डिजिटल प्रौद्योगिकियों सहित विज्ञान और प्रौद्योगिकी और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को और बढ़ावा देने का संकल्प लिया। हम संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुपक्षीय मंचों पर अपने समन्वय और सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए।’’
राष्ट्रपति वुकिक ने सर्बिया की क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करने के लिए और अंतरराष्ट्रीय कानून नियमों तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करने के लिए भारत का शुक्रिया अदा किया। वुकिक ने कहा, ‘‘सर्बिया भी भारत के साथ इसी तरह का व्यवहार करेगा और हमारा मानना है कि दुनिया में हर तरह की परिस्थिति में हमारे बीच अत्यंत करीबी सहयोग की संभावना है, जिसका कोई उल्लंघन नहीं कर सकता।’’