नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने आप सांसद राघव चड्ढा को अंतरिम राहत देते हुए राज्यसभा सचिवालय को निर्देश दिया है कि आवेदन के लंबित होने तक लुटियंस दिल्ली में टाइप-7 बंगले का निस्तारण न किया जाए।
ये बंगला आम तौर पर पूर्व मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों या राज्यपालों को आवंटित किया जाता है। अदालत अब 10 जुलाई को बंगले का आवंटन रद्द करने के राज्यसभा सचिवालय के 3 मार्च, 2023 के आदेश के खिलाफ चड्ढा के आवेदन की विचारणीयता तय करेगी।
न्यायिक आदेश और सांसद की याचिका पर टिप्पणी के लिए राज्यसभा सचिवालय से कोई भी तुरंत उपलब्ध नहीं था।
कार्यवाही के दौरान, राज्यसभा सचिवालय के वकील ने आवेदन की पोषणीयता पर आपत्ति जताई। अपर जिला जज सुधांशु कौशिक ने एक जून को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुनवाई के लिए 10 जुलाई की तिथि निर्धारित की थी। अदालत ने अप्रैल में सचिवालय को निर्देश दिया था कि वह चड्ढा को बंगले से बेदखल न करे जब तक कि कानून की उचित प्रक्रिया के बिना आवेदन लंबित न हो जाए।
दरअसल, राज्यसभा सचिवालय की ओर से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को सबसे पहले नई दिल्ली में एक टाइप-VII बंगला आवंटित किया गया था। जो कि आमतौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्रियों, राज्यपालों या मुख्यमंत्रियों को दिए जाते हैं। इसके बाद राज्यसभा सचिवालय हाउस कमेटी ने राघव चड्ढा की सांसद कैटेगरी के अनुसार उनको टाइप- VI श्रेणी का दूसरा नया बंगला आवंटिक किया था, जिसमें रेनोवेशन कराने के बाद से वो अपने परिवार के साथ रह रहे थे। लेकिन अब उनके सरकारी आवास का आवंटन टाइप का पात्र होने की वजह से एक बार फिर से रद्द कर दिया गया। जिसके खिलाफ राघव चड्ढा कोर्ट पहुंच गए।